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मेवात में गहराया जल संकट, टैंकरों पर जमकर हो रही मारामारी, गरीबों को सता रही भीषण गर्मी - Water crisis in Mewat

Water crisis in Mewat: हीटवेव ने लोगों समेत पशुओं पर भी कहर बरपाया है. गर्मी में पानी की कमी से लोगों के साथ-साथ पशु भी जूझ रहे हैं. नूंह के मेवात में पानी का संकट गहराया हुआ है. जिसके चलते लोग काफी परेशान है. वहीं, गरीबों के पास टैंकर का पानी खरीदने के पैसे तक नहीं है. क्योंकि पानी का टैंकर काफी महंगा है और ग्रामीण रोजाना पानी का टैंकर नहीं खरीद सकते. इसलिए लोग जगह-जगह मटका फोड़ प्रदर्शन भी कर रहे हैं.

Water crisis in Mewat
Water crisis in Mewat (ईटीवी भारत नूंह)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 14, 2024, 7:02 PM IST

Water crisis in Mewat (ईटीवी भारत नूंह)

नूंह: हरियाणा के नूंह में भीषण गर्मी के बीच जल संकट विकराल होता जा रहा है. जिले में दर्जनों गांवों में हालात बेकाबू हो रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में पेयजल के लिए त्राहिमाम की स्थिति है. जिले के अधिकतर गांवों में पेयजल सप्लाई न होने के कारण रात को भी पानी के लिए मारामारी हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि इंसानों के साथ-साथ लोग पशुओं के लिए भी पानी का टैंकर खरीदने को मजबूर है. ऐसे हालात के बीच प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.

कागजों तक सीमित सरकारी योजनाएं!: प्रशासन द्वारा गांवों में टैंकरों से पानी की सप्लाई करने के दावे भी हवा-हवाई साबित हो रहे है. जिले में स्कूलों, दफ्तरों और अस्पतालों तक पानी नहीं है. सरकार ने हर व्यक्ति को शुद्ध् पेयजल मुहैया करने का वायदा किया. इसके लिए योजना बनाने की बातें की. सरकार द्वारा हर घर जल योजना स्कीम भी बनाई गई. लेकिन स्थानीय प्रशासन के चलते हर घर जल योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई.

मवेशियों पर भी गर्मी का असर: कागजों में तो हर गांव में पानी पहुंच रहा है. लेकिन धरातल पर बूंद-बूंद पानी के लिए दर्जनों गांव के लोग तरस रहे हैं. वक्त रहते पेयजल उपलब्ध न होने से अब लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. जिले के गांवों में लोग पीने के पानी के लिए तरस गए हैं. कई क्षेत्रों में तो लोग कई किलोमीटर दूर से पीने के पानी का प्रबंध करने को मजबूर है. गांवों में लोगों के मवेशी भी प्यासे मर रहे हैं.

गर्मी ने गरीबों को किया परेशान: जल संकट बढ़ने के चलते टैंकरों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं. गरीब लोगों को एक गर्मी और दूसरी महंगाई ने परेशान किया है. गरीब लोगों के पास टैंकर खरीदने के पैसे नहीं है, जिसके चलते उन्हें पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ रहा है. आलम ये है कि अब लोगों के सब्र का बांध टूट गया है और गांव में कई जगह लोग मटका फोड़ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. लेकिन उनके इस पेयजल संकट की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

ये भी पढ़ें: पशुओं पर हीटवेव का प्रकोप, भिवानी में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने चलाया गोवंश सेवा अभियान - Heatwave Effect in Bhiwani

ये भी पढ़ें: साइबर सिटी गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे HCS अधिकारी, 80 करोड़ की लागत से साफ होगा शहर - HCS officers handle cleanliness

Water crisis in Mewat (ईटीवी भारत नूंह)

नूंह: हरियाणा के नूंह में भीषण गर्मी के बीच जल संकट विकराल होता जा रहा है. जिले में दर्जनों गांवों में हालात बेकाबू हो रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में पेयजल के लिए त्राहिमाम की स्थिति है. जिले के अधिकतर गांवों में पेयजल सप्लाई न होने के कारण रात को भी पानी के लिए मारामारी हो रही है. ग्रामीणों ने कहा कि इंसानों के साथ-साथ लोग पशुओं के लिए भी पानी का टैंकर खरीदने को मजबूर है. ऐसे हालात के बीच प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.

कागजों तक सीमित सरकारी योजनाएं!: प्रशासन द्वारा गांवों में टैंकरों से पानी की सप्लाई करने के दावे भी हवा-हवाई साबित हो रहे है. जिले में स्कूलों, दफ्तरों और अस्पतालों तक पानी नहीं है. सरकार ने हर व्यक्ति को शुद्ध् पेयजल मुहैया करने का वायदा किया. इसके लिए योजना बनाने की बातें की. सरकार द्वारा हर घर जल योजना स्कीम भी बनाई गई. लेकिन स्थानीय प्रशासन के चलते हर घर जल योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई.

मवेशियों पर भी गर्मी का असर: कागजों में तो हर गांव में पानी पहुंच रहा है. लेकिन धरातल पर बूंद-बूंद पानी के लिए दर्जनों गांव के लोग तरस रहे हैं. वक्त रहते पेयजल उपलब्ध न होने से अब लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. जिले के गांवों में लोग पीने के पानी के लिए तरस गए हैं. कई क्षेत्रों में तो लोग कई किलोमीटर दूर से पीने के पानी का प्रबंध करने को मजबूर है. गांवों में लोगों के मवेशी भी प्यासे मर रहे हैं.

गर्मी ने गरीबों को किया परेशान: जल संकट बढ़ने के चलते टैंकरों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं. गरीब लोगों को एक गर्मी और दूसरी महंगाई ने परेशान किया है. गरीब लोगों के पास टैंकर खरीदने के पैसे नहीं है, जिसके चलते उन्हें पानी के लिए जगह-जगह भटकना पड़ रहा है. आलम ये है कि अब लोगों के सब्र का बांध टूट गया है और गांव में कई जगह लोग मटका फोड़ प्रदर्शन भी कर रहे हैं. लेकिन उनके इस पेयजल संकट की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

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