यमुनानगर: हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाके में बर्फबारी की वजह से हथिनीकुंड बैराज पर जल संकट गहरा गया है. मानसून सीजन में लाखों क्यूसेक पानी दिल्ली को डाइवर्ट करने वाले हथिनीकुंड बैराज पर महज 2600 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है.
दिसंबर के महीने में सर्दी अपने सबाब पर है. हिमाचल के ऊपरी इलाके में बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से हथिनीकुंड बैराज पर पानी का लेवल एकदम से नीचे चला गया है. अब हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि यमुनानगर में बने हाइडल की बिजली यूनिट बंद होने की कगार पर पहुंच गई है.
बिजली प्रोजेक्ट को 2500 क्यूसेक पानी चाहिए : सिंचाई विभाग के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर आर.एस मित्तल ने बताया कि अगर हथिनीकुंड बैराज पर पानी की ताजा स्थिति की बात की जाए तो फिलहाल 2606 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है. WJC यानी वेस्टर्न कैनाल की तरफ 1925 क्यूसेक पानी डायवर्ट किया गया है. यूपी की तरफ यानी EJC की तरफ 352 क्यूसेक पानी डायवर्ट किया गया है. उन्होंने बताया की हाइडल बिजली प्रोजेक्ट को 2500 क्यूसेक पानी चाहिए होता है, जो कि फिलहाल कम है.
हाइडल के बिजली प्रोजेक्ट बंद हो सकते हैं : उन्होंने बताया कि दिसंबर और जनवरी के महीने में पानी का संकट गहरा जाता है. फिलहाल हाइडल की सभी बिजली यूनिट चल रही है. बता दें कि WJC की तरफ डायवर्ट किए गए पानी पर ही हाइडल के बिजली प्रोजेक्ट है जो कि फिलहाल यहां क्षमता से कम पानी दर्ज किया गया है. अगर हालात ऐसे ही रहे तो हाइडल के बिजली प्रोजेक्ट बंद हो सकते हैं, जिससे आसपास के इलाकों में बिजली की समस्या खड़ी हो सकती है. बता दें कि मानसून सीजन में हथिनीकुंड बैराज पर 3 लाख क्यूसेक पानी भी दर्ज किया गया है लेकिन बदलते हालात की वजह से फिलहाल पानी का जलस्तर कम है.
इसे भी पढ़ें : साइबेरियन पक्षियों को भा रहा हथिनीकुंड बैराज, 6 हजार किमी का सफर कर पहुंचते हैं यहां