नई दिल्ली: आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ी से जुड़े मनी लॉड्रिंग मामले में ईडी की ओर से जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से वापस ले लिया. अमानतुल्लाह खान के वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि वह याचिका वापस लेने की स्वतंत्रता चाहते हैं. वकील की दलीलों पर गौर करने के बाद पीठ ने हटने की अनुमति दे दी. जस्टिस रेखा पल्ली की अध्यक्षता वाली बेंच ने अमानतुल्लाह के याचिका वापस लेने के बाद याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट ने 30 जनवरी को अमानतुल्लाह खान की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील विक्रम चतुर्वेदी ने कहा था, "ईडी के समन पर रोक लगाने की जरूरत है. तब कोर्ट ने पूछा था कि समन कब जारी किया गया था. इस पर चतुर्वेदी ने कहा था कि एक सप्ताह पहले समन जारी कर 30 जनवरी को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था." ईडी की ओर से पेश वकील ने याचिका का जवाब देने के लिए समय देने की मांग की. अमानतुल्लाह खान ने याचिका में मनी लॉड्रिंग एक्ट की धारा 50 की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है.
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. कोर्ट ने आरोपी जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर के अलावा पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर के खिलाफ समन जारी किया था. कोर्ट ने 12 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल किया था. करीब पांच हजार पेजों के चार्जशीट में ईडी ने जिन लोगों को आरोपी बनाया है, उनमें जावेद इमाम सिद्दीकी, दाऊद नासिर, कौसर इमाम सिद्दीकी और जीशान हैदर को आरोपी बनाया है. ईडी ने पार्टनरशिप फर्म स्काई पावर को भी आरोपी बनाया है. ईडी के मुताबिक ये मामला 13 करोड़ 40 लाख रुपए की जमीन की बिक्री से जुड़ा है.
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