शिमला: हिमाचल में तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान हुआ. मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चला. इस दौरान लोगों ने मतदान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. सुबह से लोगों की लंबी कतारें पोलिंग बूथ पर लगना शुरू हो गई थी. युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक में मतदान के लिए उत्साह नजर आया. सुबह धीमी रफ्तार के साथ शुरू हुई वोटिंग दोपहर होते-होते रफ्तार पकड़ने लगी. बड़ी संख्या में वोटर मतदान के लिए घरों से बाहर निकले.
कहां कितना हुआ मतदान
विधानसभा उपचुनाव में तीनों सीटों पर 13 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. सभी प्रत्याशियों की किस्मत 13 जुलाई तक ईवीएम में कैद हो चुकी है. तीनों विधानसभा सीटों में कुल 315 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. वहीं, मतदान प्रतिशत के मामले में नालागढ़ सबसे ऊपर रहा, हमीरपुर दूसरे और देहरा तीसरे नंबर पर रहा. नालागढ़ में सुबह से मतदान ने रफ्तार पकड़ ली थी. यहां 11 बजे तक 16 प्रतिशत से अधिक मतदान हो चुका था.
विधानसभा सीट | कुल मतदान प्रतिशत |
नालागढ़ | 78.82 |
हमीरपुर | 65.78 |
देहरा | 65.42 |
2017-2022 में भी मतदान प्रतिशत में नालागढ़ अव्वल
2017-2022 में मतदान प्रतिशत के मामले में नालागढ़, हमीरपुर और देहरा के मुकाबले अधिक रहा था. दोनों चुनावों में यहां मतदान प्रतिशत 80 प्रतिशत से अधिक रहा था, जबकि हमीरपुर और देहरा में मतदान प्रतिशत 70 प्रतिशत के आसपास रहा था.
विधानसभा सीट | 2017 | 2022 |
नालागढ़ | 83.89% | 81.84% |
हमीरपुर | 68.52% | 72.15% |
देहरा | 70.19% | 71.39% |
हिमाचल में वोट प्रतिशत का बढ़ना और घटना कई कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे मौसम, पोलिंग बूथ तक कनेक्टिविटी, भौगोलिक परिस्थितियां इत्यादि. राजनीति विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार धनंजय शर्मा का कहना है कि मतदान घटने या बढ़ने पर सत्ता विरोधी या सत्ता पक्ष की लहर का आपस में कोई संबंध अभी तक पुख्ता नहीं हो पाए हैं. वोटिंग प्रतिशत चुनाव आयोग के प्रयासों और उनके जागरूकता कार्यक्रमों से भी बढ़ता है. हिमाचल में 4 से 5 प्रतिशत का वोट स्विंग अप्रत्याशित नतीजे दे सकता है. वैसे भी हिमाल में मतदान प्रतिशत देशभर के मुकाबले अच्छा खासा रहता है.
2017 और 2022 के चुनाव परिणाम
केएल ठाकुर भी 2022 में नालागढ़ से निर्दलीय विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे. 2017 में केएल ठाकुर बतौर बीजेपी उम्मीदवार कांग्रेस के लखविंदर राणा से चुनाव हार गए थे. 2022 में बीजेपी ने लखविंदर राणा को पार्टी में शामिल कर उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन केएल ठाकुर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बाजी मार गए थे.
हमीरपुर विधानसभा सीट
उपचुनाव में बीजेपी के आशीष शर्मा और कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा के बीच ही है. 2022 में आशीष शर्मा ने बतौर निर्दलीय यहां से चुनाव जीता था और बीजेपी के नरेंद्र ठाकुर और कांग्रेस के पुष्पेंद्र वर्मा को हराया था. 2017 में इस सीट पर बीजेपी के नरेंद्र ठाकुर ने जीत हासिल की थी.
देहरा विधानसभा सीट
होशियार सिंह ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी 2017 और 2022 में लगातार दो बार देहरा से विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रचा था. 2017 में उन्होंने देहरा से बीजेपी के रविंद्र रवि, कांग्रेस की विप्लव ठाकुर और 2022 में बीजेपी के रमेश धवाला जैसे बड़े चेहरों को भी पटखनी दे दी थी. इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. राजेश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था. उपचुनाव में इस बार उनका मुकाबला सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर से है.
क्या हैं उपचुनाव के मायने
सरकार बनाने के लिए बीजेपी के पास संख्या बल नहीं है, लेकिन इसके बाद भी उपचुनाव पर बीजेपी की पूरी नजर है. बीजेपी को अभी यहां से कुछ अप्रत्याशित तौर पर कुछ लाभ मिलने की उम्मीद है. जयराम ठाकुर ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि उपचुनाव के नतीजे हिमाचल की राजनीति की हिला देंगे. मतदान के दिन भी सांसद सुरेश कश्यप ने यही दावा किया है. बीजेपी नेताओं का ये बयान बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह कहता हुआ सुनाई पड़ रहा है. जानकारों का मानना है कि बीजेपी ने अभी भी हिमाचल में पांच साल से पहले सत्ता वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है.
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