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वोकेशनल टीचर्स का शिमला में हल्ला बोल, निजी कंपनियों पर लगाया एरियर ना देने का आरोप; सरकार से नीति बनाने की मांग

वोकेशनल टीचर्स ने निजी कंपनियों पर शोषण करने का आरोप लगाकर शिमला में प्रदर्शन किया और सरकार से उनके लिए नीति बनाने की मांग की.

VOCATIONAL TEACHERS PROTEST
शिमला में वोकेशनल टीचर्स का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 4, 2024, 7:10 PM IST

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत वोकेशनल टीचर्स ने वेतन का एरियर नहीं मिलने के विरोध में सोमवार को शिमला के चौड़ा मैदान में हल्ला बोला. इस दौरान शिक्षकों ने कंपनियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से उन्हें शिक्षा विभाग में शामिल करने की मांग उठाई.

वोकेशनल टीचर्स ने कंपनियों पर शिक्षकों के शोषण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कंपनियां सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद भी शोषण कर रही हैं. वर्तमान समय में प्रदेश में 2174 वोकेशनल टीचर्स प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में 11 सालों से कंपनियों के अधीन सेवाएं दे रहे हैं. अब सरकार उन्हें कंपनी से मुक्त कर शिक्षा विभाग में शामिल करे.

अश्वनी डटवालिया, वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष (ETV Bharat)

वोकेशनल टीचर्स का हो रहा शोषण

वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया ने कहा "जिन कंपनियों के माध्यम से उनकी नियुक्ति हुई है. वे कंपनियां वोकेशनल टीचर्स का शोषण कर रही हैं. शिक्षा विभाग के निर्देशों को कंपनियां दरकिनार कर रही हैं. विभाग ने 20 अक्टूबर से पहले अप्रैल माह से सितंबर महीने का एरियर भुगतान करने के कंपनियों को निर्देश दिए थे लेकिन कंपनियों ने शिक्षकों को अलग-अलग राशि दी है जबकि सभी वोकेशनल टीचर्स का वेतन एक समान है. कंपनियों ने एरियर में भी बेवजह कटौती की है. इसके अलावा दो ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने अभी तक एरियर का भुगतान ही नहीं किया है जिससे हमारे करीब 600 वोकेशनल टीचर्स प्रभावित हुए हैं."

वोकेशनल टीचर्स ने कहा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती और सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन नहीं मिलता तक तक वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

ये भी पढ़ें: सीएम ने शिमला में मंत्रियों व अधिकारियों से की बैठक, विभागों में खाली चल रहे पदों को लेकर दिए ये निर्देश

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत वोकेशनल टीचर्स ने वेतन का एरियर नहीं मिलने के विरोध में सोमवार को शिमला के चौड़ा मैदान में हल्ला बोला. इस दौरान शिक्षकों ने कंपनियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सरकार से उन्हें शिक्षा विभाग में शामिल करने की मांग उठाई.

वोकेशनल टीचर्स ने कंपनियों पर शिक्षकों के शोषण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कंपनियां सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों के बाद भी शोषण कर रही हैं. वर्तमान समय में प्रदेश में 2174 वोकेशनल टीचर्स प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में 11 सालों से कंपनियों के अधीन सेवाएं दे रहे हैं. अब सरकार उन्हें कंपनी से मुक्त कर शिक्षा विभाग में शामिल करे.

अश्वनी डटवालिया, वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष (ETV Bharat)

वोकेशनल टीचर्स का हो रहा शोषण

वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया ने कहा "जिन कंपनियों के माध्यम से उनकी नियुक्ति हुई है. वे कंपनियां वोकेशनल टीचर्स का शोषण कर रही हैं. शिक्षा विभाग के निर्देशों को कंपनियां दरकिनार कर रही हैं. विभाग ने 20 अक्टूबर से पहले अप्रैल माह से सितंबर महीने का एरियर भुगतान करने के कंपनियों को निर्देश दिए थे लेकिन कंपनियों ने शिक्षकों को अलग-अलग राशि दी है जबकि सभी वोकेशनल टीचर्स का वेतन एक समान है. कंपनियों ने एरियर में भी बेवजह कटौती की है. इसके अलावा दो ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने अभी तक एरियर का भुगतान ही नहीं किया है जिससे हमारे करीब 600 वोकेशनल टीचर्स प्रभावित हुए हैं."

वोकेशनल टीचर्स ने कहा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती और सरकार की तरफ से उन्हें आश्वासन नहीं मिलता तक तक वह अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

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