सिरमौर/श्री रेणुका जी : देवभूमि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में स्थित श्री रेणुका जी को प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक एवं पवित्र झील रेणुका जी के लिए जाना जाता है. वहीं, झील के किनारे मिनी जू भी स्थापित है, जहां पर विभिन्न प्रकार के वन्य प्राणियों को रखा गया है. ये वन्य प्राणी भी यहां आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं. इन वन्य प्राणियों के निवास, खानपान, टीकाकरण, दवाओं आदि पर काफी खर्च भी आता है. लिहाजा अब इसे आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अब विभाग आमजन को वन्य प्राणियों से जोड़ने के लिए वन्य प्राणी क्षेत्र में जल्द ही टिकट विंडो स्थापित करने जा रहा है, तो वहीं अब कोई भी व्यक्ति जू में रखे वन्य प्राणी को गोद ले सकता है. इस योजना के तहत गोद लेने वाला संबंधित व्यक्ति वर्ष भर वन्य प्राणी का सारा खर्च वहन करेगा. संबंधित व्यक्ति के नाम को भी गोद लिए गए वन्य प्राणी के बाड़े के बाहर डिस्प्ले किया जाएगा. वन्य प्राणी विभाग सहीमला के एसीएफ विनोद रांटा ने बताया कि श्री रेणुका जी मिनी जू को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि यहां की आय को बढ़ाया जा सके. वन्य प्राणियों के रहन-सहन, खान पान इत्यादि का काफी खर्चा रहता है. इसी को ध्यान में रखते हुए जल्द ही यहां टिकटिंग विंडो स्थापित की जाएगी.
जू में तेंदुआ-भालू मौजूद
एसीएफ रांटा ने बताया कि लोगों का अब धीरे-धीरे रेणुका जी को लेकर रूझान बढ़ता जा रहा है, जिससे पिछले 2-3 महीने में प्रति माह आय भी बढ़नी शुरू हुई है. उन्होंने लोगों से वन्य प्राणियों को गोद लेने का आह्वान किया है. इससे जहां संबंधित विभाग को मजबूती मिलेगी, तो वहीं मिनी जू भी आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाएगा. वर्तमान में रेणुका जी मिनी जू में 4 तेंदुए, 1 नर हिमालयन काला भालू, 4 काले हिरण, 5 अन्य हिरण सहित 5 कक्कड़, 5 चीतल, 3 हॉग डियर, 20 बारहसिंगा, 13 इंडियन गीस, 11 लाल जंगली मुर्गे और 1 ईमू मौजूद है. हालांकि यहां टाइगर के जोड़े को भी लाने के प्रयास निरंतर जारी हैं और इसी वर्ष मिनी जू में इन नए मेहमानों के यहां पहुंचने की पूरी उम्मीद है.
तेंदुए-भालू के लिए देने होंगे इतने रुपए
वन्य प्राणी विभाग ने रेणुका जी मिनी जू में वन्य प्राणियों के लिए गोद लेने की एवज में 4 अलग-अलग श्रेणियों में वर्ष भर के शुल्क निर्धारित किए हैं. पहली श्रेणी में रखे गए सामान्य तेंदुए के लिए डेढ़ लाख, हिमालयन काले भालू के लिए 60 हजार रुपए की राशि निर्धारित की गई है. इसकी एवज में संबंधित व्यक्ति को 5 लोगों के साथ एक वर्ष का नि:शुल्क पास, वर्ष में 12 विजिट, गोद लेने का सरकारी सर्टिफिकेट, गोद लिए वन्य प्राणी के बाड़े के बाहर उक्त व्यक्ति के नाम को भी डिस्प्ले किया जाएगा. साथ ही जू की वार्षिक रिपोर्ट और जू वेबसाइट पर भी उल्लेख होगा. सम्मान के तौर पर एक किट भी उपलब्ध करवाई जाएगी.
इन मेहमानों के लिए इतना शुल्क
दूसरी श्रेणी में साम्भर के लिए 50 हजार रुपए तय किए गए हैं, जिसकी एवज में संबंधित व्यक्ति को 5 लोगों के साथ एक वर्ष का पास, 6 विजिट, बाड़े के सामने नाम, सरकारी सर्टिफिकेट, जू की वार्षिक रिपोर्ट और जू वेबसाइट पर भी गोद लेने वाले व्यक्ति का उल्लेख किया जाएगा. इसी तरह तीसरी श्रेणी में यहां मौजूद ईमू के लिए 15 हजार और कक्कड़ के लिए 20 हजार रुपए देने होंगे. इसके बदले में उक्त व्यक्ति को 5 लोगों के साथ नि:शुल्क पास, वर्ष में 3 विजिट, सरकारी सर्टिफिकेट, जू की वार्षिक रिपोर्ट और जू वेबसाइट पर उल्लेख के साथ बाड़े के सामने नाम डिस्प्ले किया जाएगा.
वहीं अंतिम व चौथी श्रेणी में यहां मौजूद लाल जंगली मुर्गे के लिए 12 हजार रुपए राशि तय की गई है. इसके लिए व्यक्ति को 5 लोगों के साथ नि:शुल्क पास, सरकारी सर्टिफिकेट, बाड़े के बाहर नाम का डिस्प्ले और वार्षिक रिपोर्ट में भी जिक्र होगा. कुल मिलाकर श्री रेणुका जी सिरमौर जिला का एक प्रसिद्ध धर्मिक पर्यटक स्थल है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग विभिन्न राज्यों से आते हैं. ऐसे में अब यहां वन्य प्राणियों को गोद लेने की योजना की शुरुआत की गई है. इससे जहां जीव प्रेमी इन्हें गोद ले सकेंगे, तो वहीं मिनी जू में अधिक सुविधाएं भी मिल सकेंगी.
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