लाहौल स्पीति: लाहौल घाटी में हुई बर्फबारी के बाद अभी भी लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. लाहौल घाटी में सड़कें बंद होने से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में जहां बीआरओ ने सड़कों से बर्फ हटाने का काम शुरू किया है तो वहीं, ग्रामीण भी अपने लिए रास्ता बनाने में जुट गए हैं. लाहौल घाटी में माइनस तापमान के बीच भी इस ग्रामीणों का हौसला नहीं डगमगाया और अपने पैदल चलने के लिए सभी लोग ग्लेशियर काट रास्ता बनाने में जुट गए.
लाहौल स्पीति के उपमंडल लाहौल के अंतर्गत आने वाले इलाका चौखंग, नैनगार से ऐसी ही तस्वीर सामने आई है. जहां ग्रामीण अपने लिए पैदल चलने का रास्ता बनाते नजर आ रहे हैं. यहां के ग्रामीण बेलचे से ग्लेशियर काट कर पैदल चलने को रास्ता बना रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द काम पूरा हो सके. इन गांव चौखंग, नैनगार से होकर यह रास्ता पवित्र नीलकंठ महादेव के लिए जाता है. इसलिए ग्रामीणों ने खुद ही बेलचे उठा कर बर्फ काटना शुरू कर दिया, ताकि जल्द से जल्द इस रास्ते को बहाल किया जा सके.
बर्फबारी में ग्रामीणों को होती है भारी मुश्किल
स्थानीय ग्रामीण रजत कुमार, प्रकाश, वीर सिंह का कहना है कि अभी जिला प्रशासन के द्वारा मुख्य सड़कों को बहाल करने का काम शुरू किया गया है, लेकिन मुख्य सड़कों के साथ लगती संपर्क सड़कें अभी भी बर्फबारी के कारण बंद हैं. ग्रामीण इलाकों में लोग अपने स्तर पर बर्फ हटाने के काम में जुटे हुए हैं, क्योंकि अगर किसी भी प्रकार की कोई मुश्किल आती है तो बर्फ के बीच सफर करना लोगों के लिए काफी मुश्किल होगा. ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि वह मुख्य सड़क के साथ-साथ अन्य ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को भी बहाल करने का काम शुरू करें, ताकि संपर्क सड़कें भी वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हो सके.
क्या कहना है डीसी लाहौल स्पीति का
वहीं, डीसी लाहौल स्पीति राहुल कुमार का कहना है कि जिला प्रशासन लगातार सड़कों को बहाल करने की दिशा में काम कर रहा है और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को भी जल्द बहाल किया जाएगा.
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