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मलाणा में रंग लाई ग्रामीणों की मेहनत, उफनते नाले पर बनाया लकड़ी का पुल - Malana Wooden Bridge

Villagers build Wooden Bridge on Drain in Malana: कुल्लू जिले के मलाणा में 31 जुलाई की रात को आई त्रासदी में गांव को खासा नुकसान पहुंचा है. सड़कें टूट चुकी हैं. वहीं, गांव को पंचायत से जोड़ने वाला पुल भी बाढ़ में बह गया, लेकिन अब मलाणा के लोगों ने मिलकर नाले पर लकड़ी के पुल का निर्माण किया है. जो कि आपातकाल के समय लोगों को सुविधा देगा.

Villagers build Wooden Bridge on Drain in Malana
मलाणा में ग्रामीणों ने बनाया लकड़ी का पुल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 7, 2024, 7:41 AM IST

Updated : Aug 7, 2024, 9:29 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में 31 जुलाई की रात को बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. इस त्रासदी में जहां मलाणा डैम क्षतिग्रस्त हुआ है. वहीं, सड़कें टूट गई हैं और मलाणा गांव को जोड़ने वाला पुल भा बाढ़ में बह गया है. जिससे मलाणा पंचायत का संपर्क कट गया है. जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी का भी सामना करना पड़ा, लेकिन ग्रामीणों की हिम्मत और कड़ी मेहनत के चलते एक बार फिर से मलाणा पंचायत का संपर्क गांव से जुड़ गया है. दरअसल ग्रामीणों ने नाले के ऊपर लकड़ी का पुल तैयार किया है.

मलाणा में लोगों ने उफनते नाले पर बनाया पुल (ETV Bharat)

आपातकाल में मददगार होगा पुल

मलाणा पंचायत के उप प्रधान रामजी ठाकुर ने बताया, "उफनते नाले के बीच काम करना काफी मुश्किल था, लेकिन ग्रामीणों की मेहनत के चलते अब पुल बनकर तैयार हो गया है. हालांकि अभी तक सड़क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रत है, लेकिन पहाड़ी रास्ते से पैदल चलकर लोग अब जरी तक पहुंच सकेंगे. जिसके चलते अब लोगों को आपातकाल में आने-जाने की सुविधा हो सकेगी."

सड़क अभी भी क्षतिग्रस्त

वहीं, स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग रखी है कि बादल फटने के चलते सड़क भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है. ऐसे में सड़क निर्माण की दिशा में भी जल्द कार्य किया जाए, ताकि लोगों को आ रही दिक्कतों को खत्म किया जा सके. बता दें कि इससे पहले मलाणा गांव में फंसे हुए सैलानियों को प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से रसोल की पहाड़ियों से रेस्क्यू कर कसोल पहुंचाया गया था.

लकड़ी के स्लीपर जोड़कर बनाया पुल

मलाणा पंचायत के उप प्रधान रामजी ठाकुर ने बताया, "बादल फटने के चलते मलाणा पंचायत को जोड़ने वाला पुल भी बह गया था. ऐसे में सभी ग्रामीणों ने मिलकर फैसला लिया और ग्रामीणों ने बड़े-बड़े लकड़ी के स्लीपर को खींचकर नाले तक पहुंचाया. सभी ग्रामीणों ने मिलकर काम किया और अब नाले के ऊपर पुल बना दिया गया है. हालांकि सड़क न होने के चलते अभी भी लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन आपातकाल की स्थिति में लोग इस लकड़ी के पुल को पार कर जरी पहुंच सकते हैं."

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मलाणा में लोगों ने उफनते नाले पर बनाया पुल (ETV Bharat)

आपातकाल में मददगार होगा पुल

मलाणा पंचायत के उप प्रधान रामजी ठाकुर ने बताया, "उफनते नाले के बीच काम करना काफी मुश्किल था, लेकिन ग्रामीणों की मेहनत के चलते अब पुल बनकर तैयार हो गया है. हालांकि अभी तक सड़क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रत है, लेकिन पहाड़ी रास्ते से पैदल चलकर लोग अब जरी तक पहुंच सकेंगे. जिसके चलते अब लोगों को आपातकाल में आने-जाने की सुविधा हो सकेगी."

सड़क अभी भी क्षतिग्रस्त

वहीं, स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मांग रखी है कि बादल फटने के चलते सड़क भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है. ऐसे में सड़क निर्माण की दिशा में भी जल्द कार्य किया जाए, ताकि लोगों को आ रही दिक्कतों को खत्म किया जा सके. बता दें कि इससे पहले मलाणा गांव में फंसे हुए सैलानियों को प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों की मदद से रसोल की पहाड़ियों से रेस्क्यू कर कसोल पहुंचाया गया था.

लकड़ी के स्लीपर जोड़कर बनाया पुल

मलाणा पंचायत के उप प्रधान रामजी ठाकुर ने बताया, "बादल फटने के चलते मलाणा पंचायत को जोड़ने वाला पुल भी बह गया था. ऐसे में सभी ग्रामीणों ने मिलकर फैसला लिया और ग्रामीणों ने बड़े-बड़े लकड़ी के स्लीपर को खींचकर नाले तक पहुंचाया. सभी ग्रामीणों ने मिलकर काम किया और अब नाले के ऊपर पुल बना दिया गया है. हालांकि सड़क न होने के चलते अभी भी लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन आपातकाल की स्थिति में लोग इस लकड़ी के पुल को पार कर जरी पहुंच सकते हैं."

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Last Updated : Aug 7, 2024, 9:29 AM IST
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