बलरामपुर: रामानुजगंज फोरेस्ट रेंज में वन्यजीवों और इंसान के बीच लगातार संघर्ष जारी है. रामानुजगंज फोरेस्ट रेंज में बीते साल भर में करीब आधा दर्जन इंसानों की जानें जा चुकी है. सोमवार की देर रात एक ग्रामीण को हाथी ने बेरहमी से कुचल दिया. इस हमले में ग्रामीण की घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची है.
हाथी के हमले में ग्रामीण की दर्दनाक मौत: रामानुजगंज फोरेस्ट रेंज की घटना है. मृतक की पहचान राजाराम सिंह (45 वर्ष) निवासी कृष्णानगर धमनी के तौर पर हुई है. जानकारी के मुताबिक, घटना के वक्त उसका भाई लक्ष्मण सिंह भी साथ था. दोनों रिस्तेदारी में चाकी गांव गए हुए थे. देर रात में दोनों अपने घर धमनी लौट रहे थे. इसी दौरान उसका हाथी से सामना हो गया. बगरा मोड़ के नजदीक हाथी ने उस पर अचानक हमला कर दिया. लक्ष्मण सिंह किसी तरह से अपनी जान बचाकर भागा, लेकिन राजाराम को हाथी ने बेरहमी से कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई.
"कल सुबह बड़े भाई और मैं दोनों रिस्तेदारी में चाकी गांव गए हुए थे. रात को हम पैदल घर वापस लौट रहे थे. तभी बगरा के गोठान के पास यह घटना हुई है. हाथी ने मुझे पीछे से लात मारा, मैं गिर गया. तभी हाथी ने भैया को कुचल दिया. जिसके बाद मैं वहां से भाग गया." - लक्ष्मण सिंह, चश्मदीद और मृतक का भाई
रामानुजगंज वन विभाग आगे की कार्रवाई में जुटा: हाथी के हमले में मौत की सूचना गांव पहुंची. परिजनों और गांव वालों ने फौरन वन विभाग को इसकी सूचना दी. घटना की सूचना मिलते ही रामानुजगंज वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा तैयार किया. जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. वन विभाग ने परिजनों को मुआवजा राशि देने की बात कही है.
DFO ने कहा- "हाथी अभी जंगल में मौजूद" : इस घटना के संबंध में बलरामपुर जिले के DFO अशोक तिवारी ने बताया, "हाथी जंगल में विचरण कर रहा था, जिसकी सूचना ग्रामीणों को दी गई थी. सूचना के बावजूद दो व्यक्ति रात्रि में एक से दो बजे के बीच बाहर से पैदल आ रहे थे. जंगल किनारे दोनों का हाथी से सामना हो गया, जिसमें एक व्यक्ति जान बचाकर भाग निकला, जबकि दूसरे व्यक्ति की मौत हो गई. हाथी अभी चाकी के जंगल में ही है. वन अमला पूरी तरह से उस पर नजर बनाए हुए है."
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में लगातार जंगलों की अवैध कटाई से हरे-भरे वन समाप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं. वन्यजीवों का प्राकृतिक रहवास क्षेत्र उजड़ने लगा है. वन्य जीव अब इंसानों की बस्तियों में पहुंच रहे हैं. ये वन्यजीव फसलों को नुकसान के साथ ही ग्रामीणों के घरों को तोड़-फोड़ कर दहशत फैला रहे हैं. इस वजह से इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष जारी है.