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अमीन-अनुसेवक दस हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार, विजिलेंस टीम ने की कार्रवाई - लक्सर रिश्वत केस

हरिद्वार जिले के लक्सर में विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. यहां टीम ने अमीन और अनुसेवक को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 2, 2024, 4:49 PM IST

Updated : Feb 2, 2024, 5:10 PM IST

देहरादून: विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार जिले के लक्सर से संग्रह अमीन और अनुसेवक को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. विजिलेंस की टीम अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. विजिलेंस की टीम ने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

विजिलेंस निदेशक वी मुरुगेशन ने इस पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पीड़ित ने सतर्कता अधिष्ठान के ट्रोल फ्री नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि उसके नाम टैंपो ट्रेवलर था और पत्नी के नाम मिनी बस थी, जिस उसने करीब तीन चार साल पहले बेच दिया था.
पढ़ें- विकासनगर में महिला के पीछे कुत्ता छोड़ना पड़ा महंगा, दो युवतियों पर मुकदमा दर्ज

पीड़ित का कहना था कि बेचने संबंधित कागजात गलती से आग में जल जाने के कारण नष्ट हो गये थे, जिस कारण वाहन खरीदने वाली जानकारी उसके पास नहीं था. दोनों वाहनों की वसूली के संबंध में जारी आरसी को परिवहन विभाग को वापस करने और जेल भेजने से बचाने के एवज में संग्रह अमीन रवि पाल ने रिश्वत मांगी थी. लेकिन वो रिश्वत नहीं देना चाहता था.

विजिलेंस निदेशक वी मुरुगेशन ने बताया कि मामले की जांच कराई गई तो प्रथम दृष्यता आरोप सही पाए गए. इसके बाद आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए विजिलेंस की टीम का गठन किया गया. शुक्रवार दो फरवरी को विजिलेंस की टीम ने रवि पाल हाल संग्रह अमीन तहसील लक्सर और पदम प्रकाश अनुसेवक तहसील लक्सर जनपद हरिद्वार को पीड़ित से दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ तिराहा कस्बा के पास पकड़ा. दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई जारी है.

देहरादून: विजिलेंस की टीम ने हरिद्वार जिले के लक्सर से संग्रह अमीन और अनुसेवक को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. विजिलेंस की टीम अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुटी हुई है. विजिलेंस की टीम ने दोनों कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है.

विजिलेंस निदेशक वी मुरुगेशन ने इस पूरे मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पीड़ित ने सतर्कता अधिष्ठान के ट्रोल फ्री नंबर 1064 पर शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि उसके नाम टैंपो ट्रेवलर था और पत्नी के नाम मिनी बस थी, जिस उसने करीब तीन चार साल पहले बेच दिया था.
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पीड़ित का कहना था कि बेचने संबंधित कागजात गलती से आग में जल जाने के कारण नष्ट हो गये थे, जिस कारण वाहन खरीदने वाली जानकारी उसके पास नहीं था. दोनों वाहनों की वसूली के संबंध में जारी आरसी को परिवहन विभाग को वापस करने और जेल भेजने से बचाने के एवज में संग्रह अमीन रवि पाल ने रिश्वत मांगी थी. लेकिन वो रिश्वत नहीं देना चाहता था.

विजिलेंस निदेशक वी मुरुगेशन ने बताया कि मामले की जांच कराई गई तो प्रथम दृष्यता आरोप सही पाए गए. इसके बाद आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए विजिलेंस की टीम का गठन किया गया. शुक्रवार दो फरवरी को विजिलेंस की टीम ने रवि पाल हाल संग्रह अमीन तहसील लक्सर और पदम प्रकाश अनुसेवक तहसील लक्सर जनपद हरिद्वार को पीड़ित से दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ तिराहा कस्बा के पास पकड़ा. दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई जारी है.

Last Updated : Feb 2, 2024, 5:10 PM IST
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