कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला स्थित अरनी यूनिवर्सिटी इंदौरा में 6 अक्टूबर को छात्रों के दो गुटों में विवाद हुआ. आरोप है कि इस दौरान छात्रों के एक गुट ने यूनिवर्सिटी में अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए. मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 10 छात्रों को सस्पेंड कर दिया है. वहीं, मामले में अरनी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा कि कॉलेज में सभी धर्मों के छात्र पढ़ते हैं. छात्रों द्वारा भारत विरोधी कोई भी नारे नहीं लगाए गए हैं. छात्रों के बीच हुई लड़ाई को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है.
मामले को लेकर अरनी यूनिवर्सिटी के कुलपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा, "6 अक्टूबर को कॉलेज में दो गुटों में विवाद हुआ. जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस के साथ मिलकर मामले को सुलझा लिया था. इस दौरान किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक बयानबाजी व नारेबाजी नहीं की गई थी. इस तरह की बात को लेकर कोई वीडियो और अन्य सबूत सामने नहीं आए हैं. दो गुटों में हुई लड़ाई को लेकर जांच कमेटी गठित की गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही है".
कुलपति डॉ. विवेक सिंह ने कहा, "मामले के शुरुआती दौर में ही 10 छात्रों सस्पेंड कर दिया गया है. अरनी विश्वविद्यालय में एंटी इंडिया और संप्रदाय को लेकर किसी भी प्रकार की बात नहीं रखी जाती है. सभी छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं. बावजूद इसके भारत विरोधी कोई भी बात नहीं है. कुछ माह पूर्व एक जनवरी को उन पर हमला भी हुआ था. ऐसे में एक बार फिर से विश्वविद्यालय को बदनाम करने का प्रयास भी हो सकता है".
विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, "बच्चों को भड़काने व संप्रदाय का नाम लेकर लड़ाने का काम किया जा रहा है. सोशल मीडिया में भी दुष्प्रचार किया जा रहा है. बाउंड्री बॉल जमीनी डिमार्केशन न होने से अधुरी है, जिससे बाहरी लोग भी विवि में प्रवेश कर रहे हैं. सरकार और प्रशासन को भी इस विषय को लेकर मदद करनी चाहिए".
ये भी पढ़ें: कंगना हाजिर हो! सांसद को बड़बोलापन फिर पड़ा भारी, इस बयान को लेकर MP हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस