ETV Bharat / state

वाइब्रेंट विलेज योजना से हिमाचल के 20 गांवों का होगा कायाकल्प, मिलेंगी ये सुविधाएं - Vibrant Village yojana

Vibrant Village yojana: वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के 20 गांवों का विकास होगा. इन गांवों में सिवरेज, सिंचाई और पार्किंग के साथ अन्य सुविधाएं मिलेंगी. डिटेल में पढ़ें खबर...

वाइब्रेंट विलेज योजना
वाइब्रेंट विलेज योजना (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 5:14 PM IST

लाहौल-स्पीति: केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी के 20 गांव समृद्ध होंगे. स्पीति घाटी के ये सभी गांव चीन सीमा के साथ सटे हैं जिन्हें प्रथम गांव की संज्ञा दी गई है.

स्पीति घाटी एक खूबसूरत स्थान है जो रोमांच, विश्राम और आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती है. ऐसे में ऐतिहासिक मठों के भ्रमण से लेकर पहाड़ियों पर चढ़ने तक स्पीति घाटी में होने वाली कई गतिविधियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.

स्पीति घाटी
स्पीति घाटी (ETV Bharat)

केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना में छोछोड़ें, धार समदो, गीपु, हिक्किम, हल, हर्लिंग, क्यूरिक, काजा खास, काजा सोमा, कोह, किब्बर खास, कोमिक, क्योमो, लालुंग, लारा खास, लीदंग, लिरिथ, रामा खास, समदो व शेगो शामिल हैं.

स्पीति घाटी के लगभग सभी गांव अब मोबाइल नेटवर्क से जुड़ गए हैं. 19 अप्रैल, 2024 को लगभग दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू में पहला फोन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और ग्रामीणों से बात की थी.

ग्रामीण दोरजे, तेंजिन, छेरिंग व पलजोर ने बताया मोबाइल सुविधा मिलने से अब इलाके का पर्यटन बढ़ा है. पहले नेटवर्क न होने से पर्यटक यहां ठहरते नहीं थे. अब पर्यटक रात को गांव के होम स्टे में भी रुकने लगे हैं.

वाइब्रेंट विलेज योजना से इन गांवों में सीवरेज, सिंचाई और पार्किंग जैसी सुविधा मिलेगी. एक तरफ सड़कों की हालत सुधर रही है तो दूसरी ओर मोबाइल नेटवर्क भी सुदृढ़ हो रहा है. शिक्षा और स्वास्थ्य का ढांचा भी तेजी से विकसित हो रहा है. कृषि, बागवानी और पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

इस कारण सीमावर्ती क्षेत्र के इन गांवों में विकास को गति मिलने जा रही है. स्पीति घाटी वन्य प्राणियों के लिहाज से भी काफी महत्त्वपूर्ण है. देश और दुनिया के पर्यटकों के लिए स्पीति आकर्षण का केंद्र है.

ऐसे में वाइब्रेंट योजना के तहत अब फसलें मंडियों तक पहुंचाना आसान होगा. सड़कें बेहतर होने से यहां तैयार होने वाली फसलें समय पर मंडियों तक पहुंचेंगी. इससे दाम बेहतर मिलेंगे, जिससे आर्थिकी सुदृढ़ होगी. किंग ऑफ विटामिन सी यानी छरमा (सीवकथार्न) के उत्पाद में बढ़ोतरी होगी. देश में छरमा के औषधीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है. जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूह छरमा के उत्पाद तैयार कर अपनी आर्थिकी को और मजबूत कर रहे हैं.

एडीसी काजा राहुल जैन ने कहा "वाइब्रेट विलेज योजना के तहत गांवों को सीवरेज से जोड़ा जाएगा. सड़कों को चौड़ा किया जाएगा. हर गांव में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी और सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे. पेयजल सहित सिंचाई योजना पर काम किया जाएगा. इस योजना के तहत गांव के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बिगड़ा मौसम का मिजाज, 2 दिन तक भारी बारिश और आंधी को लेकर येलो अलर्ट जारी

लाहौल-स्पीति: केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना में शामिल हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी के 20 गांव समृद्ध होंगे. स्पीति घाटी के ये सभी गांव चीन सीमा के साथ सटे हैं जिन्हें प्रथम गांव की संज्ञा दी गई है.

स्पीति घाटी एक खूबसूरत स्थान है जो रोमांच, विश्राम और आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती है. ऐसे में ऐतिहासिक मठों के भ्रमण से लेकर पहाड़ियों पर चढ़ने तक स्पीति घाटी में होने वाली कई गतिविधियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं.

स्पीति घाटी
स्पीति घाटी (ETV Bharat)

केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना में छोछोड़ें, धार समदो, गीपु, हिक्किम, हल, हर्लिंग, क्यूरिक, काजा खास, काजा सोमा, कोह, किब्बर खास, कोमिक, क्योमो, लालुंग, लारा खास, लीदंग, लिरिथ, रामा खास, समदो व शेगो शामिल हैं.

स्पीति घाटी के लगभग सभी गांव अब मोबाइल नेटवर्क से जुड़ गए हैं. 19 अप्रैल, 2024 को लगभग दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गांव ग्यू में पहला फोन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया और ग्रामीणों से बात की थी.

ग्रामीण दोरजे, तेंजिन, छेरिंग व पलजोर ने बताया मोबाइल सुविधा मिलने से अब इलाके का पर्यटन बढ़ा है. पहले नेटवर्क न होने से पर्यटक यहां ठहरते नहीं थे. अब पर्यटक रात को गांव के होम स्टे में भी रुकने लगे हैं.

वाइब्रेंट विलेज योजना से इन गांवों में सीवरेज, सिंचाई और पार्किंग जैसी सुविधा मिलेगी. एक तरफ सड़कों की हालत सुधर रही है तो दूसरी ओर मोबाइल नेटवर्क भी सुदृढ़ हो रहा है. शिक्षा और स्वास्थ्य का ढांचा भी तेजी से विकसित हो रहा है. कृषि, बागवानी और पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

इस कारण सीमावर्ती क्षेत्र के इन गांवों में विकास को गति मिलने जा रही है. स्पीति घाटी वन्य प्राणियों के लिहाज से भी काफी महत्त्वपूर्ण है. देश और दुनिया के पर्यटकों के लिए स्पीति आकर्षण का केंद्र है.

ऐसे में वाइब्रेंट योजना के तहत अब फसलें मंडियों तक पहुंचाना आसान होगा. सड़कें बेहतर होने से यहां तैयार होने वाली फसलें समय पर मंडियों तक पहुंचेंगी. इससे दाम बेहतर मिलेंगे, जिससे आर्थिकी सुदृढ़ होगी. किंग ऑफ विटामिन सी यानी छरमा (सीवकथार्न) के उत्पाद में बढ़ोतरी होगी. देश में छरमा के औषधीय उत्पादों की मांग बढ़ रही है. जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूह छरमा के उत्पाद तैयार कर अपनी आर्थिकी को और मजबूत कर रहे हैं.

एडीसी काजा राहुल जैन ने कहा "वाइब्रेट विलेज योजना के तहत गांवों को सीवरेज से जोड़ा जाएगा. सड़कों को चौड़ा किया जाएगा. हर गांव में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी और सामुदायिक भवन बनाए जाएंगे. पेयजल सहित सिंचाई योजना पर काम किया जाएगा. इस योजना के तहत गांव के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कार्य शुरू कर दिया है."

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बिगड़ा मौसम का मिजाज, 2 दिन तक भारी बारिश और आंधी को लेकर येलो अलर्ट जारी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.