नूंह/भिवानी: हरियाणा में बढ़ते ठंड, शीतलहर के बीच कई क्षेत्रों में सुबह शाम कोहरा छाया रहता है. घने कोहरे के कारण लोगों को सफर करने में भी परेशानी हो रही है. वहीं, ये धुंध जानवरों के लिए भी घातक साबित हो रहा है. कोहरे के कारण वाहन चलाने में काफी परेशानी हो रही है. यातायात प्रभावित हो रहा है. साथ ही ठंड के कारण दुधारू पशुओं में दुग्ध क्षमता घटने लगी है. इससे पशुपालकों को काफी परेशानी हो रही है.
कोहरे के कारण वाहनों की रफ्तार थमी: बात अगर मेवात की करें तो यहां सुबह के समय और शाम को घना कोहरा छाया रहता है. घने कोहरे के चलते जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा हो गया है. तापमान में गिरावट के बीच ठंड से ठिठुरते हुए लोग घरों से बाहर कम ही निकलते हैं. वहीं, हाईवे सहित शहरी और ग्रामीणों इलाकों की सड़कों पर कोहरे ने वाहनों की गति पर ब्रेक लगा दिया है. वाहनों की हेडलाइट जलाने के बाद भी वाहनों के रेंग-रेंगकर चलाया जा रहा है. ताकि कोई हादसा न हो. ड्राइवरों की मानें तो कोहरे के कारण विजिबिलिटी बहुत कम है, जिसके कारण ट्रक संभलकर चलाना पड़ रहा है.
किसान खुश: वहीं दूसरी ओर किसानों काफी खुश हैं. किसानों का कहना है कि कोहरा और ठंड गेहूं और सरसों की फसल के लिए काफी फायदेमंद है. कोहरे और ठंड से गेहूं की फसल अच्छी होती है, जिससे किसान कोहरा पड़ने से खुश भी हैं.
सर्दी के मौसम में गर्म कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलें. खाने में गर्म चीजों का सेवन करें, सावधानी बरतें, खांसी-जुकाम होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपना इलाज करवाएं. -डॉ सर्वजीत कुमार, सिविल सर्जन
पशुओं को हो रही ठंड में परेशानी: भिवानी में ठंड के कारण पशुओं को काफी परेशानी हो रही है. पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के कारण इस बार वातावरण में धुंध नहीं छा रही है. जिले में धुंध न होना पशुओं और मनुष्यों दोनों के लिए घातक है. ऐसे में इस मौसम की मार से बचने के लिए सभी को विशेष ऐतिहात बरतने की जरूरत है. इस बीच ठंड के कारण दुधारू पशुओं की दुग्ध क्षमता घटने लगी है.
ऐसे में सर्दी के मौसम में इंसानों के साथ-साथ पशुओं को भी ठंड से बचाना बहुत जरूरी है. खासकर दुधारू और छोटे पशुओं का ठंड में खास ध्यान रखना चाहिए. पशुओं को ठंड की मार से बचाने के लिए पशुपालन विभाग ने पशुपालकों को आगाह किया है कि वे विशेष सावधानियां बरतकर अपने पशुओं को ठंड में बीमार होने से बचा सकते है.
ठंड में छोटे पशु निमोनिया के शिकार हो जाते है. बड़े पशुओं के नाक से पानी गिरना शुरू हो जाता है. शारीरिक परेशानी के कारण पशु चरना छोड़ देते हैं. निमोनिया के कारण सांस लेने में कठिनाई होती है. दूध देने वाले पशुओं को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है. इसके लिए उसका खाना बढ़ाना चाहिए. -डॉ. रविंद्र सहरावत, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग
ठंड में पशुओं की ऐसे करें देखभाल:
- ठंड में पशुओं को बाड़े के चारों तरफ ढ़ककर रखें.
- बाड़े में पशुओं के मूत्र को एकत्रित ना होने दें.
- सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- पशु के ऊपर भी कंबल इत्यादि डालकर रखें.
- धूप निकलने पर ही पशु को बाहर निकालें.
- ज्यादा ठंड होने पर बाड़े को रात को गर्म करके रखें.
- बाड़े में घुटन ना हो इसके लिए उसे हवादार भी बनाए रखें.
- पशु के बांधने के स्थान पर तूड़ा, बाजरे के बुमले या पराली इत्यादि भी नीचे डालकर रखें.
- हर रोज पशु के बांधने के स्थान की सफाई करें.
- पशु को सामान्य तापमान का पानी पिलाए.
- जोहड़ी इत्यादि में पशु को पानी पिलाने से परहेज करें.
- पशु को तूड़ा ज्यादा मात्रा में खिलाएं.
- हर रोज पशु को 250 ग्राम गुड़ और 50 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं.
- छोटे पशुओं को उचित मात्रा में दूध पिलाए.
- पशुओं को समय-समय पर कृमिरहित भी करते रहे.
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