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घर की नींव भरते समय किस सामग्री को रखना चाहिए और क्यों? जानिए वास्तु शास्त्र के ये टिप्स - vastu tips for home

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2024, 9:35 AM IST

मकान बनाते समय भूमि पूजन के लिए नींव की खुदाई की जाती है और भूमि पूजन के साथ वापस नींव भरा जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि पूजन का बड़ा महत्व है. क्योंकि मकान के निर्माण का यह सबसे पहले और महत्वपूर्ण चरण होता है. भूमि पूजन के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

vastu tips for home
घर की नींव भरते समय किए जाने वाले वास्तु उपाय (Photo ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं. इसी वजह से नींव पूजा के दौरान कलश में दूध घी और दही समेत आदि चीजों का अर्पित कर शेषनाग को बुलाया जाता है जिससे वे घर की रक्षा कर सके. साथ ही इससे वास्तु दोष से छुटकारा भी मिलता है.घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन और कलश रखा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है और इसके पीछे का रहस्य क्या है? क्यों रखते है नाग नागिन जोड़ा रखते है.

प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास बताते है कि श्रीमद् भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में उल्लेख है कि धरती के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग है. इसलिए घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि शेष नाग इससे संपत्ति और घर की सदैव रक्षा करते हैं. घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

पढ़ें: टी- प्वॉइंट पर है घर तो जान लें ये वास्तु टिप्स

वास्तुदोष से मिलता है छुटकारा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, नाग-नागिन के जोड़े से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है. घर की नींव में नाग-नागिन के जोड़े को रखने से घर पर बुरी शक्तियों को कोई असर नहीं होता है. साथ ही नजर दोष से बचाव होता है. इसके अलावा घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. यदि आप चांदी के नाग-नागिन नहीं रख सकते हैं, तो पीतल के नाग-नागिन भी रख सकते हैं.

क्यों रखा जाता कलश: भूमि पूजन के दौरान नींव में कलश रखा जाता है. मान्यता है कि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. घर की नींव रखने के दौरान कलश भी रखा जाता है. इसमें सिक्का, फूल और दूध डाला जाता है, जो नाग देवता को प्रिय है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं. इसी वजह से नींव पूजा के दौरान कलश में दूध, घी और दही समेत आदि चीजों का अर्पित कर शेषनाग को बुलाया जाता है, जिससे वे घर की रक्षा कर सके.

बीकानेर: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं. इसी वजह से नींव पूजा के दौरान कलश में दूध घी और दही समेत आदि चीजों का अर्पित कर शेषनाग को बुलाया जाता है जिससे वे घर की रक्षा कर सके. साथ ही इससे वास्तु दोष से छुटकारा भी मिलता है.घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन और कलश रखा जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसा क्यों किया जाता है और इसके पीछे का रहस्य क्या है? क्यों रखते है नाग नागिन जोड़ा रखते है.

प्रसिद्ध वास्तुविद राजेश व्यास बताते है कि श्रीमद् भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में उल्लेख है कि धरती के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग है. इसलिए घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि शेष नाग इससे संपत्ति और घर की सदैव रक्षा करते हैं. घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन को रखने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

पढ़ें: टी- प्वॉइंट पर है घर तो जान लें ये वास्तु टिप्स

वास्तुदोष से मिलता है छुटकारा: वास्तु शास्त्र के अनुसार, नाग-नागिन के जोड़े से वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है. घर की नींव में नाग-नागिन के जोड़े को रखने से घर पर बुरी शक्तियों को कोई असर नहीं होता है. साथ ही नजर दोष से बचाव होता है. इसके अलावा घर में सदैव सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. यदि आप चांदी के नाग-नागिन नहीं रख सकते हैं, तो पीतल के नाग-नागिन भी रख सकते हैं.

क्यों रखा जाता कलश: भूमि पूजन के दौरान नींव में कलश रखा जाता है. मान्यता है कि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. घर की नींव रखने के दौरान कलश भी रखा जाता है. इसमें सिक्का, फूल और दूध डाला जाता है, जो नाग देवता को प्रिय है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शेषनाग क्षीरसागर में रहते हैं. इसी वजह से नींव पूजा के दौरान कलश में दूध, घी और दही समेत आदि चीजों का अर्पित कर शेषनाग को बुलाया जाता है, जिससे वे घर की रक्षा कर सके.

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