वाराणसी : वाराणसी न्यायालय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में पीड़िता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखने की अनुमति दे दी है. वाराणसी न्यायालय ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया. पीड़िता की ओर से इसे लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया था.
फास्ट ट्रैक कोर्ट कुलदीप सिंह की अदालत में छात्रा गैंगरेप प्रकरण में सुनवाई चल रही है. पीड़िता की तरफ से पिछले दिनों अर्जी देकर कोर्ट रूम में मौजूद न रहते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपनी बात रखने की अपील की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने छात्रा को कोर्ट परिसर स्थित विटनेस रूम में पहुंचकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. छात्रा ने कोर्ट में अर्जी देकर विश्वविद्यालय अथवा कहीं बाहर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल होने की मांग की थी. कोर्ट ने उसे बड़ी राहत दी है. फिलहाल अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
अभियोजन के अनुसार एडीसी मनोज गुप्ता ने पीड़िता की तरफ से अर्जी देकर छात्रा को बार-बार कोर्ट न बुलाए जाने की अपील करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखने की मांग की थी. इस पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने इसे आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए आदेश दिया है कि छात्र कोर्ट परिसर के बिजनेस रूम में मौजूद रहेगी. यहां पर तकनीकी विशेषज्ञ के अलावा कोई अन्य मौजूद नहीं रहेगा.
फिलहाल कचहरी परिसर में अब तक यह पहला मामला होगा. जब गैंगरेप के प्रकरण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिरह होगी. इसके पहले पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भी रेप के मामलों में कोर्ट ने पीड़िता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल होने का आदेश दिया था.
घटना काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 1 नवंबर 2023 की रात हुई थी. छात्रा से बाइक सवार तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस मामले में लंका थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसमें कथित रूप से भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल में रहे कुणाल पांडेय, आनंद चौहान और अभिषेक और सक्षम पटेल को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. हालांकि इन तीनों की जमानत हो चुकी है.