वाराणसी : काशी के कण कण में शंकर हैं. सनातन धर्म में नदियां, पहाड़, वृक्ष हर किसी को पूजे जाने की मान्यता रही है. कुछ ऐसी ही आस्था की तस्वीर इन दिनों वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर भी दिखाई दे रही है. यहां रोप वे के मॉडल पर भक्त चढ़ावा चढ़ा रहे हैं. यह चढ़ावा 1 रुपये से लेकर के 100 रुपये तक का है. यात्री रेलवे स्टेशन के परिसर में लगे रोप वे के मॉडल का न सिर्फ दीदार कर रहे हैं, बल्कि उसमें मौजूद गंगा और मंदिर पर चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं. वे मंगल कामना भी कर रहे हैं.
वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 70,000 से ज्यादा यात्रियों का आगमन होता है. यहां आने वाले हजारों की संख्या में यात्री रेलवे स्टेशन के परिसर में लगे रोप वे मॉडल का दीदार कर रहे हैं. मॉडल में मौजूद गंगा और मंदिर पर चढ़ावा भी चढ़ा रहे हैं.
मॉडल को समझने की कोशिश कर रहे यात्री : लोग इस प्रोजेक्ट देख रहे हैं और समझने की कोशिश कर रहे हैं. इसके साथ ही यहां आने वाले यात्री इस मॉडल के साथ अपनी सेल्फी भी खींचते हैं. कैंट रेलवे स्टेशन पर लोगों की भीड़ आ रही है. कुछ अपने गंतव्य की ओर निकल जा रहे हैं तो कुछ रोप वे के मॉडल को देखने के लिए रुक जा रहे हैं.
मॉडल को थोड़ी देर निहारने के बाद वे इस पर कुछ पैसे चढ़ा दे रहे हैं. आदित्य यादव बताते हैं कि इस मॉडल में मां गगा हैं. बहुत सारे मंदिर का मॉडल भी है. हम सभी की इनको लेकर आस्था है. इसलिए हम इस मॉडल पर दान चढ़ा रहे हैं.
अनिकेत कुमार बताते हैं कि हम लोग लोगों के कल्याण के लिए और सभी के अच्छे के लिए दान कर रहे हैं. सभी से अपील भी है कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी आस्था के साथ दान करें.
रोप वे मॉडल पर आखिर क्यों चढ़ा रहे पैसे? : रोप वे मॉडल में मां गंगा का किनारा है और मंदिर का इलाका है. यही वजह है कि यहां पर आने वाले लोग अपनी श्रद्धा भावना से बाकायदा दान करके जाते हैं. यही काशी की खूबसूरती भी है, जिसके लिए ये जानी जाती है.
यहां के कण-कण में शंकर की मान्यता इस रोप वे के मॉडल पर आस्था के रूप में परिलक्षित होती हुई नजर आ रही है. यहां आने वाले हजारों की संख्या में यात्री इस रोप वे के मॉडल का दीदार करने के साथ-साथ बाकायदा चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. उनका कहना है कि यह हमारी श्रद्धा है. हम सर्वमंगल की कामना से दान कर रहे हैं.
अनोखा जरूर है, मगर अजीब नहीं है : बनारस के ब्राह्मण बताते हैं कि वाराणसी में विकास के साथ ही साथ आस्था का ऐसा सैलाब बहता है कि हर कोई उसमें गोते लगाता है. वह चाहे बनारस का रहने वाला हो या फिर बनारस घूमने के लिए आया हो.
यहां की हवाओं में महादेव को लेकर भक्ति बहती है. यही वजह है कि हर कोई बनारस में महादेव को ढूंढ ही लेता है. कैंट रेलवे स्टेशन पर लगे रोप वे के मॉडल पर चढ़ावा चढ़ाना अनोखा जरूर है, लेकिन अजीब नहीं है. मॉडल में मंदिरों का भी मॉडल है, मां गंगा का किनारा है. ऐसे में वह एक तरीके से मंदिरों का प्रतिरूप दिख रहा है. लोगों की सनातन आस्था है और वे मंदिर पर चढ़ावा चढ़ा रहे हैं.
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