देहरादून: उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत पर एक बार फिर से लैंडस्लाइड होने लगा है. वरुणावत पर्वत लैंडस्लाइड की घटना से स्थानीय प्रशासन के साथ ही उत्तराखंड सरकार भी सकते में है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम उत्तरकाशी ने तकनीकी समिति का गठन कर दिया है. ये समिति वरुणावत पर्वत लैंडस्लाइड मामले की जांच करेगी. इसके साथ ही उत्तराखंड आपदा प्रबंधन भी इस घटना को लेकर बेहद गंभीर है. आपदा प्रबंधन विभाग ने एक इन्वेस्टिगेशन टीम मौके के रवाना कर दी है.
देर रात 11 बजे हुआ लैंडस्लाइड: बता दें उत्तरकाशी वर्णावत पर्वत पर देर रात तकरीबन 11 बजे लैंडस्लाइड हुआ. यहां पर्वत का एक हिस्सा गिर गया. जिसके बाद अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया. इस घटना के बाद उत्तरकाशी की 2003 के हुए भीषण भूस्खलन की कड़वी यादें भी ताजा हो गई. इस मामले को लेकर आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया देर रात हुई इस घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर प्रशासन ने जांच टीम मौके पर भेज दी हैं.
कमेटी तैयार करेगी रिपोर्ट, एक दिन में शासन को सौंपेगी: सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया भूस्खलन से अब तक किसी तरह की जनहानि और पशु हानि की सूचना नहीं हैं. उन्होंने कहा जिलाधिकारी के माध्यम से एसडीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. यह कमेटी पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर एक दिन के भीतर शासन को देगी. रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी. उन्होंने बताया अगग जरूरत पड़ी तो इसका टेक्निकल इन्वेस्टिगेशन के लिए उच्चस्तरीय इन्वेस्टिगेशन भी करवाया जाएगा.
2003 में आपदा झेल चुका है उत्तरकाशी:
बता दें 2003 में उत्तरकाशी शहर आपदा का बड़ा दंश झेल चुका है. तब वरुणावत पर्वत दरकने लगा था. उसे समय का यह भूस्खलन इतना भयावह था कि पूरे शहर पर संकट खड़ा हो गया था. शहर के ऊपर से वरुणावत पर्वत का हिस्सा धंसा, जिससे काफी जान माल का नुकसान हुआ था,. अब एक बार फिर यह पहाड़ दरक रहा है.
एनडी तिवारी ने लिया था एक्शन: साल 2003 में उत्तरकाशी के बिल्कुल ऊपर मौजूद वरुणावत पर्वत ढहने लगा था. धीरे-धीरे पूरा पहाड़ शहर के ऊपर गिरने लगा था. जिसे देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी सरकार ने तत्काल एक्शन लिया. उन्होंने 250 करोड़ की लागत से पूरे वरुणावत पर्वत का ट्रीटमेंट करवाया. लगातार कमजोर होते वरुणावत पर्वत के चलते एक अंडरग्राउंड सुरंग भी बनाई गई. जिससे आने जाने वालों के ऊपर जोखिम को कम किया जा सके. उसके बाद लगातार यहां पर सरकारो ने अपनी निगरानी रखी.