देहरादूनः उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाए जाने पर लगातार जोर दे रही है. इसके साथ ही नए-नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर भी फोकस कर रही है. ताकि उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों की संख्या को बढ़ाया जा सके. दरअसल, प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां बढ़ेगी तो उससे स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध होगा. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाए जाने को लेकर उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना- 2024 को मंजूरी दे दी है.
दरअसल, पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश के स्थानीय बेरोजगारों के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना संचालित की जा रही है. जिसमें अधिकतम 33 लाख रुपए तक के अनुदान की व्यवस्था है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए पर्यटन नीति 2023 पिछले साल लागू की थी, जिसमें 5 करोड़ या फिर उससे अधिक पर्यटन परियोजनाओं को सृजित कर शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त करने का मौका था.
पर्यटन विभाग की उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य में स्थानीय निवासियों/उद्यमियों को पर्यटन के क्षेत्र में व्यवसाय शुरू कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. जिसके तहत राज्य के छोटे और मझोले निवेशकों जिनके पूंजी निवेश की सीमा 5 करोड़ या फिर उससे कम है, उसको लाभन्वित किए जाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024 शुरू की गई है.
उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना में पूंजी अनुदान, ब्याज सहायता प्रतिपूर्ति और स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति भी शामिल है. योजना का लाभ उठाने के लिए प्रदेश को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें अधिकतम पूंजी अनुदान की राशि श्रेणी विशेष के अनुसार 80 लाख से 1.50 करोड़ रुपए तक तय है. इसी अनुरूप ब्याज अनुदान 3 प्रतिशत अधिकतम 4 लाख से 6 लाख रुपए सालाना प्रति इकाई निर्धारित है. पूंजी उपादान और ब्याज उपादान के अलावा इकाई स्थापित किए जाने के लिए स्टाम्प शुल्क की शत प्रतिशत छूट, इस योजना का महत्वपूर्ण बिंदु है.
राज्य के स्थायी उद्यमियों के लिए लागू इस योजना की आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तहत ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किए जाएंगे. आवेदन स्वीकृति करने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा.
पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि इस योजना के माध्यम से राज्य में पर्यटन विकास के साथ-साथ प्रदेश के स्थायी निवासियों के लिए स्थायी रोजगार सृजित करने का भी उद्देश्य है. योजना का लाभ उठाने वाले उद्यमियों को प्रदेश के स्थायी निवासियों को कम से कम 70 प्रतिशत स्थायी रोजगार उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा. हालांकि, ये योजना अधिसूचना जारी होने की तिथि से 31 मार्च 2030 तक लागू रहेगी.
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