देहरादून: बैंक खाते और सिम कार्ड सप्लाई करने वाले एक और बड़े हवाला ऑपरेटर को एसटीएफ की टीम ने महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के गिरोह पर पूरे देशभर में 159 मुकदमे दर्ज हैं. एसटीएफ की टीम ने पहले भी इसी गिरोह के दो आरोपियों को केरल और कर्नाटक से गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं, बैंक से धोखाधड़ी कर गबन करने वाला फरार आरोपी भी गिरफ्तार हुआ है.
दरअसल, दिल्ली निवासी ने एक शख्स ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें शख्स ने बताया कि अज्ञात व्यक्ति ने व्हाट्सएप के जरिए से उससे संपर्क किया. साथ ही एक वेबसाइट पर म्यूचुअल फंड में धनराशि लगाकर लाभ कमाने का लालच दिया. जिसके झांसे में आकर उसने करीब 1 करोड़ रुपए गंवा दिए. यह धोखाधड़ी उसके साथ ऑनलाइन हुई. इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की. इसी कड़ी में एक आरोपी यूसुफ मिर्जा खान निवासी ईस्ट मुंबई (महाराष्ट्र) को महाबलेश्वर से गिरफ्तार कर लिया है.
अपराध का तरीका: आरोपियों ने पीड़ित को मलेशिया से व्हाट्सएप पर एक मैसेज भेजा. जिसमें अच्छा रिटर्न मिलने की बात कही गई. इसके लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दी गई. जिसके बाद पीड़ित ने पेटीएम के माध्यम से 10,000 रुपए की राशि के साथ निवेश शुरू की. आरोपियों ने शख्स को लुभाने के लिए भारतीय बैंकों का इस्तेमाल किया. जिसके बाद धीरे-धीरे जब पीड़ित को उचित रिटर्न मिलना शुरू हुआ तो उसने भारतीय बैंकों में पैसा लगाकर अपनी राशि बढ़ाकर करीब 30 लाख रुपए कर दी.
इसी तरह आरोपियों ने पीड़ित के साथ भारतीय बैंकों के माध्यम से करीब 1 करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी कर दी. आरोपी धोखाधड़ी से हासिल धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाते थे. आरोपी इस काम के लिए फर्जी सिम आईडी कार्ड का इस्तेमाल करते थे. देहरादून एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार I4C गृह मंत्रालय के सहयोग से आरोपी से बरामद अलग-अलग बैंक खातों, मोबाइल नंबरों की जांच की गई तो आरोपी के ऊपर 159 मुकदमे और 3272 आपराधिक लिंकेज (Criminal Linkages) मिले.
इसके अलावा आरोपी के ऊपर उत्तर प्रदेश में 19, महाराष्ट्र में 2, तेलंगाना में 62, दिल्ली में 15, बिहार में 7, तमिलनाडु में 14, हरियाणा में 8, कर्नाटक में 15, गुजरात में 6, आंध्र प्रदेश में 3, छत्तीसगढ़ में 4, उत्तराखंड में 2, चंडीगढ़ में 2 आदि मिलाकर के कुल 159 मुकदमों में आरोपी वांछित है. उत्तराखंड में ही 54 मामलों में आरोपी की संलिप्तता पाई गई है.
बैंक से धोखाधड़ी कर गबन करने वाला फरार आरोपी गिरफ्तार: कोतवाली पटेल नगर पुलिस ने बैंक से धोखाधड़ी कर गबन करने वाले गिरोह के फरार 1 सदस्य को पटेलनगर से गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस पहले ही धोखाधड़ी में शामिल 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. इन आरोपियों से 4 लाख रुपए की नगदी बरामद की गई थी.
बता दें कि बीती 14 दिसंबर 2023 को सुधाकर ढौंडियाल, शाखा प्रबंधक, सीएमएस इन्फोसिस लिमिटेड ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी कंपनी सीएमएस इन्फोसिस सिस्टम लिमिटेड अलग-अलग बैंकों के एटीएम और रिसाईक्लर में पैसा निकालने समेत जमा करने का काम करती है. बैंक में काम करने वाले परवीन मौर्य, शिवम, गौरव कुमार, ऋषभ की मित्रता मनोज यादव, अंकित यादव, अजय प्रताप सिंह निवासी रायबरेली से थी.
सभी लोग आपस मे मिलते जुलते रहते थे. इन सभी ने आपराधिक षड्यंत्र कर बैंक ऑफ बड़ौदा पटेलनगर से अलग-अलग तारीखों में 49,88,400 रुपए रिसाईक्लर मशीन से चोरी कर गबन कर लिए. इस सूचना पर थाना पटेलनगर पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली पटेलनगर ने पुलिस टीम गठित की.
गठित टीम ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों और आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी. जिसके क्रम में 17 दिसंबर 2023 को पुलिस टीम ने तीन आरोपी प्रवीण मौर्य, शिवम सिंह और अंकित यादव को मुखबिर की सूचना पर रायबरेली से किया गया. कोतवाली पटेल नगर प्रभारी कमल सिंह ने बताया कि घटना में 4 अन्य नामजद आरोपी लगातार फरार चल रहे थे, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही थी. इसी कड़ी में पुलिस ने आरोपी गौरव कुमार निवासी पौड़ी को गिरफ्तार किया है.
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