देहरादून: उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस बंट गई. कई नेताओं ने कांग्रेस हाईकमान की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए पार्टी का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. इस तरह कई वरिष्ठ नेताओं के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा की भी प्रतिक्रिया आई है. करन माहरा ने कहा कि कुछ अच्छे लोग जरूर पार्टी छोड़कर गए है, जिनका उन्हें अफसोस है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जिन नेताओं को पार्टी ने ऊंचे पदों पर बैठाया है, मौके मिलने पर पूरा पद देकर सम्मानित भी किया, फिर भी उन्होंने अपने निजी स्वार्थ के कारण पार्टी छोड़ी है. करन माहरा ने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों में कई नेता तो ऐसे भी है, जिनको बिना चुनाव लड़े कांग्रेस ने राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री बनाकर सम्मानित किया. कई नेता तो ऐसे थे, जिन्हें दो-दो बार चेयरमैन भी बनाया गया. उसके बाद भी कोई व्यक्ति अगर ये कह रहा है कि कांग्रेस ने उन्हें सम्मान नहीं दिया है तो इसका उत्तर तो पार्टी छोड़ने वाले नेता ही दे सकता है.
माहरा का कहना है कि कांग्रेस ने कभी भी पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के साथ अन्याय नहीं किया. पार्टी छोड़ने की शुरुआत सबसे पहले जोत सिंह बिष्ट ने की थी. जोत सिंह बिष्ट ने कांग्रेस के सिंबल पर साल 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिसके वो हार गए थे. चुनाव हारने के कुछ महीनों के बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी.
करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के बाद जोत सिंह बिष्ट आम आदमी पार्टी (आप) में गए थे, लेकिन आप से भी दल बदलकर वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसी तरह कही और नेता भी, जो सम्मान मिलने के बावजूद कांग्रेस छोड़कर चले गए. इनमें से कुछ नेता ऐसे भी थे, जो ईमानदार थे, लेकिन लोगों के भड़काने पर पार्टी को छोड़कर चले गए जिनका उन्हें अफसोस है.
बता दें कि हाल में कुमाऊं के तीन बड़े नेताओं मथूरा दत्त जोशी, बिट्टू कर्नाटका और जगत सिंह खाती ने कांग्रेस छोड़ी है. कांग्रेस छोड़ने के बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए. तीनों का कांग्रेस छोड़कर जाना पार्टी के लिए बड़ा नुकसान माना जा रहा है.
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