देहरादूनः लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 19 अप्रैल को मतदान हुआ था. लोकसभा चुनाव 2024 में न सिर्फ देश भर में साल 2019 की तुलना में मतदान फीसदी कम रहा. बल्कि उत्तराखंड में भी पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में कम मतदान हुआ. भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मतदान औसत 65.79 फीसदी रहा है. जबकि साल 2019 लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मतदान औसत 67.4 फीसदी था.
लोकसभा चुनाव में देश के तमाम राज्यों में मतदान फीसदी कम हुआ है तो वहीं कई राज्यों में मतदान फीसदी बढ़ा भी है. इस कारण राष्ट्रीय मतदान औसत में ज्यादा बड़ा अंतर नहीं आया है. लेकिन राज्यों के हिसाब से मतदान फीसदी में बड़ा अंतर देखा गया है. साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में 61.88 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि इस लोकसभा चुनाव में 57.22 फीसदी मतदान हुआ है. इस कारण उत्तराखंड पिछले साल की तुलना में इस साल राष्ट्रीय स्तर पर मतदान फीसदी के मामले में तीन पायदान पीछे खिसक गया है.
33वें पायदान पर पहुंचा उत्तराखंड: इस लोकसभा चुनाव में हुए मतदान से उत्तराखंड राज्य, देश के 36 राज्यों में से 33वें पायदान पर पहुंच गया है. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड राज्य देशभर में 30वें पायदान पर था. इसके साथ ही देश के पर्वतीय राज्यों की बात करें तो उत्तराखंड राज्य 11 पर्वतीय राज्यों में 10 वें पायदान पर पहुंच गया है. जबकि पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश पर्वतीय राज्यों में सातवें पायदान पर है. इसके अलावा पर्वतीय राज्यों में असम 81.56 फीसदी मतदान के साथ पहले पायदान और मिजोरम 56.87 फीसदी मतदान के साथ 11वें पायदान पर है.
निर्वाचन आयोग ने रखा था 75 फीसदी का लक्ष्य: लोकसभा चुनाव में मतदान फीसदी को बढ़ाए जाने को लेकर मुख्य निर्वाचन कार्यालय, उत्तराखंड की ओर से प्रदेश भर में बृहद स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया गया था. साथ ही निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश में इस बार 75 फीसदी मतदान का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन निर्वाचन आयोग न तो लक्ष्य को पूरा कर पाया. बल्कि पिछले लोकसभा चुनाव में हुए मतदान फीसदी की बराबरी भी नहीं कर सका. इस बार चुनाव के दौरान दिव्यांग मतदाताओं और 85 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा भी थी. लेकिन इस वर्ग के मतदाताओं ने मतदान के प्रति कोई खास रूझान नहीं दिखाया.