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उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव का रास्ता हुआ साफ, ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को राज्यपाल ने दी मंजूरी - ORDINANCE FOR OBC RESERVATION

नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है. जल्द ही निकाय चुनाव की तारीख घोषित हो सकती है.

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कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 10, 2024, 2:46 PM IST

Updated : Dec 10, 2024, 3:02 PM IST

देहरादून(रोहित सोनी): उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार दस दिसंबर को नगर निकायों के ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब अध्यादेश के आधार पर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बीते दिन ही विधि विभाग ने निकाय चुनाव के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. साथ ही अपनी कानूनी राय के लिए राजभवन को भेज दिया था. जिस अध्यादेश पर राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है.

इस बारे में ईटीवी भारत के संवाददाता रोहित कुमार सोनी ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल से खास बातचीत की. मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने बताया कि ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश पर राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार नगर निकाय चुनाव की ओर आगे बढ़ेगी. अब सरकार अध्यादेश के आधार पर ही निकायों का आरक्षण तय करेगी. जब निकायों का आरक्षण तय कर लिया जाएगा, उसके बाद जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी. आखिर में आपत्तियों का निस्तारण किए जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष आरक्षण का विषय रखा जाएगा.

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव का रास्ता हुआ साफ (ETV Bharat)

इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जो कार्यक्रम जारी किया जाएगा, उसके अनुसार सरकार चुनाव कराने की स्थिति में होगी. साथ ही कहा कि नगर निकाय चुनाव को लेकर अब सरकार बहुत तेजी से कार्य करेगी. क्योंकि निकाय चुनाव में सबसे बड़ी अड़चन ओबीसी आरक्षण ही था, जिसका रास्ता साफ हो गया है. इसीलिए अब कभी भी निकाय चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा हो सकती है.

माना जा रहा है कि निकायों के आरक्षण में लगभग एक हफ्ते का समय लग सकता है. इसके बाद लगभग तीन दिन में आपत्तियों के लिए जनता को समय दिया जाएगा. फिर लगभग तीन दिन में सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण की सूची भेजी जाएगी.

मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी के सभी कार्यकर्ता 24 घंटे सातों दिन सजग रहते हैं और एक अनुशासित सिपाही की तरह हर चुनौती के लिए तैयार रहते है. लिहाजा निकाय चुनाव के दृष्टिगत संगठन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी, जिसके तहत निकायों के दावेदारों की जानकारियां भी ले ली गई हैं. साथ ही प्रभारी भी नियुक्ति किए जा चुके हैं.

प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन की ओर से बैठक भी की जा चुकी है. लिहाजा नियुक्त प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से निर्णय लिए जाने के बाद ही पार्टी स्तर से तैयारियां तेज कर दी जाएंगी. लिहाजा, निकाय चुनाव में भी भाजपा ही परचम लहराएगी.

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देहरादून(रोहित सोनी): उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. मंगलवार दस दिसंबर को नगर निकायों के ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी दे दी है. ऐसे में अब अध्यादेश के आधार पर निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बीते दिन ही विधि विभाग ने निकाय चुनाव के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी. साथ ही अपनी कानूनी राय के लिए राजभवन को भेज दिया था. जिस अध्यादेश पर राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है.

इस बारे में ईटीवी भारत के संवाददाता रोहित कुमार सोनी ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल से खास बातचीत की. मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने बताया कि ओबीसी आरक्षण के अध्यादेश पर राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद सरकार नगर निकाय चुनाव की ओर आगे बढ़ेगी. अब सरकार अध्यादेश के आधार पर ही निकायों का आरक्षण तय करेगी. जब निकायों का आरक्षण तय कर लिया जाएगा, उसके बाद जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी. आखिर में आपत्तियों का निस्तारण किए जाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष आरक्षण का विषय रखा जाएगा.

उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव का रास्ता हुआ साफ (ETV Bharat)

इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जो कार्यक्रम जारी किया जाएगा, उसके अनुसार सरकार चुनाव कराने की स्थिति में होगी. साथ ही कहा कि नगर निकाय चुनाव को लेकर अब सरकार बहुत तेजी से कार्य करेगी. क्योंकि निकाय चुनाव में सबसे बड़ी अड़चन ओबीसी आरक्षण ही था, जिसका रास्ता साफ हो गया है. इसीलिए अब कभी भी निकाय चुनावों के कार्यक्रमों की घोषणा हो सकती है.

माना जा रहा है कि निकायों के आरक्षण में लगभग एक हफ्ते का समय लग सकता है. इसके बाद लगभग तीन दिन में आपत्तियों के लिए जनता को समय दिया जाएगा. फिर लगभग तीन दिन में सभी आपत्तियों का निस्तारण करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को आरक्षण की सूची भेजी जाएगी.

मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी के सभी कार्यकर्ता 24 घंटे सातों दिन सजग रहते हैं और एक अनुशासित सिपाही की तरह हर चुनौती के लिए तैयार रहते है. लिहाजा निकाय चुनाव के दृष्टिगत संगठन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी थी, जिसके तहत निकायों के दावेदारों की जानकारियां भी ले ली गई हैं. साथ ही प्रभारी भी नियुक्ति किए जा चुके हैं.

प्रभारी नियुक्त किए जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन की ओर से बैठक भी की जा चुकी है. लिहाजा नियुक्त प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं. ऐसे में सरकार की ओर से निर्णय लिए जाने के बाद ही पार्टी स्तर से तैयारियां तेज कर दी जाएंगी. लिहाजा, निकाय चुनाव में भी भाजपा ही परचम लहराएगी.

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Last Updated : Dec 10, 2024, 3:02 PM IST
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