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तीलू रौतेली अवॉर्ड 2023-24 से सम्मानित हुईं उत्तराखंड की 13 महिलाएं, 72 साल की शकुंतला और विनीता ने शेयर किए अनुभव - Tilu Rauteli Awards - TILU RAUTELI AWARDS

Tilu Rauteli Awards 2023-24 distributed उत्तराखंड सरकार ने साल 2023-24 के तीलू रौतेली पुरस्कार वितरित कर दिए हैं. इस साल 13 महिलाओं को वीरांगना तीलू रौतेली पुरस्कार मिले हैं. 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी अच्छा कार्य करने पर इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने तीलू रौतेली अवॉर्ड पाने वाली कुछ महिलाओं से बात की.

Tilu Rauteli Awards
तीलू रौतेली अवॉर्ड 2024 (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 8, 2024, 2:25 PM IST

Updated : Aug 8, 2024, 5:38 PM IST

तीलू रौतेली अवॉर्ड 2024 (Tilu Rauteli Awards)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार हर साल तमाम क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित करती है. 8 अगस्त को वीरांगना तीलू रौतेली का जन्म हुआ था. उनकी याद में हर साल उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं और किशोरियों को जिलावार तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

उत्तराखंड की वीरांगनाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार: इसी क्रम में साल 2023-24 के लिए चयनित 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही अपने अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया. तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित 13 वीरांगनाओं में गढ़वाली लोकगायन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली डॉ माधुरी बड़थ्वाल, सामाजिक क्षेत्र में गीता गैरोला, शकुंतला दताल और रीना उनियाल, साहित्य के क्षेत्र में सोनिया आर्या, खेल के क्षेत्र में प्रीति गोस्वामी, नेहा देवली, संगीता राणा, अंकिता ध्यानी और पैरा बैडमिंटन में ननदीप कौर को सम्मानित किया गया. इसी तरह साहसिक कार्य के लिए विनीता देवी, हस्तशिल्प के क्षेत्र में नर्मदा देवी रावत के साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में सुधा पाल को वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत तीलू रौतेली पुरस्कार से समानित किया गया.

शंकुतला दताल 72 साल की उम्र में भी बनी हैं प्रेरणा: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित शकुंतला दताल ने बताया कि वो सामाजिक कार्यकर्ता हैं. पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गांव में रहती हैं. उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में बहुत काम किया है. टीकाकरण अभियान, पैसा जमा करना, वृक्षारोपण अभियान के साथ ही महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही हैं. साथ ही कहा कि वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और किसानों को पैसा दिलाने का काम अपने संसाधनों से किया है. सामाजिक कार्य करते-करते उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा, लिहाजा कांग्रेस पार्टी में वो कई पदों पर भी रही है. शकुंतला ने कहा कि 72 साल की उम्र में उनको तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिससे वह खुश तो हैं ही लेकिन उनके आसपास की महिलाएं भी काफी खुश है.

विनीता ने गुलदार से बचाई सास की जान: वहीं, रुद्रप्रयाग जिले की रहने वाली विनीता देवी ने कहा कि 27 जून 2024 को वो अपनी सास के साथ जंगलों में घास लेने गई थी. इसी दौरान गुलदार ने उनकी सास पर हमला कर दिया. ऐसे में अपनी सास को बचाने के लिए गुलदार से लड़ पड़ीं. इस दौरान गुलदार ने इनके ऊपर भी हमला कर दिया और यह भी घायल हो गईं. लेकिन इनके साहस के आगे गुलदार को भी पीछे हटना पड़ा. ऐसे में विनीता देवी के इसी साहस को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने आज तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया है. विनीता देवी ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि जब वो जंगलों की तरफ जाती हैं, तो वो कम से कम 8-10 महिलाएं एकजुट होकर जाएं और अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करके जाएं.

रेखा आर्य ने 8 अगस्त को बताया विशेष: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 8 अगस्त का दिन बेहद खास है. इस दिन प्रदेश की वीरांगना तीलू रौतेली का जन्म हुआ था. वीरांगना तीलू रौतेली अपने आप में साहस और बहादुरी का प्रतीक हैं. ऐसे में तीलू रौतेली के बहादुरी के नाम पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इसी क्रम हर जिले एक-एक बहादुर महिला जिसने विषम परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट कार्य किया है, उसका चयन कर सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही तमाम परियोजनाओं में बेहतर काम करने वाली 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी सम्मानित किया गया. ऐसे में भविष्य में भी बाकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इनसे प्रेरणा लेकर बेहतर काम करेंगी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड की इन 13 महिलाओं-किशोरियों को आज मिलेगा तीलू रौतेली अवॉर्ड, 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी होंगी सम्मानित

तीलू रौतेली अवॉर्ड 2024 (Tilu Rauteli Awards)

देहरादून: उत्तराखंड सरकार हर साल तमाम क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित करती है. 8 अगस्त को वीरांगना तीलू रौतेली का जन्म हुआ था. उनकी याद में हर साल उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं और किशोरियों को जिलावार तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.

उत्तराखंड की वीरांगनाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्कार: इसी क्रम में साल 2023-24 के लिए चयनित 13 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही अपने अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया. तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित 13 वीरांगनाओं में गढ़वाली लोकगायन के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाली डॉ माधुरी बड़थ्वाल, सामाजिक क्षेत्र में गीता गैरोला, शकुंतला दताल और रीना उनियाल, साहित्य के क्षेत्र में सोनिया आर्या, खेल के क्षेत्र में प्रीति गोस्वामी, नेहा देवली, संगीता राणा, अंकिता ध्यानी और पैरा बैडमिंटन में ननदीप कौर को सम्मानित किया गया. इसी तरह साहसिक कार्य के लिए विनीता देवी, हस्तशिल्प के क्षेत्र में नर्मदा देवी रावत के साथ ही विज्ञान के क्षेत्र में सुधा पाल को वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत तीलू रौतेली पुरस्कार से समानित किया गया.

शंकुतला दताल 72 साल की उम्र में भी बनी हैं प्रेरणा: ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित शकुंतला दताल ने बताया कि वो सामाजिक कार्यकर्ता हैं. पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गांव में रहती हैं. उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में बहुत काम किया है. टीकाकरण अभियान, पैसा जमा करना, वृक्षारोपण अभियान के साथ ही महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रही हैं. साथ ही कहा कि वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन और किसानों को पैसा दिलाने का काम अपने संसाधनों से किया है. सामाजिक कार्य करते-करते उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा, लिहाजा कांग्रेस पार्टी में वो कई पदों पर भी रही है. शकुंतला ने कहा कि 72 साल की उम्र में उनको तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जिससे वह खुश तो हैं ही लेकिन उनके आसपास की महिलाएं भी काफी खुश है.

विनीता ने गुलदार से बचाई सास की जान: वहीं, रुद्रप्रयाग जिले की रहने वाली विनीता देवी ने कहा कि 27 जून 2024 को वो अपनी सास के साथ जंगलों में घास लेने गई थी. इसी दौरान गुलदार ने उनकी सास पर हमला कर दिया. ऐसे में अपनी सास को बचाने के लिए गुलदार से लड़ पड़ीं. इस दौरान गुलदार ने इनके ऊपर भी हमला कर दिया और यह भी घायल हो गईं. लेकिन इनके साहस के आगे गुलदार को भी पीछे हटना पड़ा. ऐसे में विनीता देवी के इसी साहस को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने आज तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया है. विनीता देवी ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि जब वो जंगलों की तरफ जाती हैं, तो वो कम से कम 8-10 महिलाएं एकजुट होकर जाएं और अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करके जाएं.

रेखा आर्य ने 8 अगस्त को बताया विशेष: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि 8 अगस्त का दिन बेहद खास है. इस दिन प्रदेश की वीरांगना तीलू रौतेली का जन्म हुआ था. वीरांगना तीलू रौतेली अपने आप में साहस और बहादुरी का प्रतीक हैं. ऐसे में तीलू रौतेली के बहादुरी के नाम पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. इसी क्रम हर जिले एक-एक बहादुर महिला जिसने विषम परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट कार्य किया है, उसका चयन कर सम्मानित किया गया है. इसके साथ ही तमाम परियोजनाओं में बेहतर काम करने वाली 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी सम्मानित किया गया. ऐसे में भविष्य में भी बाकी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी इनसे प्रेरणा लेकर बेहतर काम करेंगी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड की इन 13 महिलाओं-किशोरियों को आज मिलेगा तीलू रौतेली अवॉर्ड, 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी होंगी सम्मानित

Last Updated : Aug 8, 2024, 5:38 PM IST
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