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लाखों के आर्थिक नुकसान को बचाने के लिए करोड़ों खर्च, अधिकारी भी चिंतित, ये है पूरा मामला - Uttarakhand Forest Fire - UTTARAKHAND FOREST FIRE

Uttarakhand Forest Fire, Forest Department on Forest Fire उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जिसको लेकर वन विभाग भी चिंतित है. वन विभाग के अनुसार फॉरेस्ट फायर से 20 से 21 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

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वन विभाग मुख्यालय (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 2, 2024, 9:20 PM IST

Updated : May 2, 2024, 9:27 PM IST

उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर पर जानकारी देते धनंजय मोहन. (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में जंगलों की आग इस समय सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. खास बात यह है कि वन विभाग वनाग्नि से हुए आर्थिक नुकसान का भी आंकलन कर रहा है, जो हैरान करने वाला है. दरअसल, वन विभाग ने पिछले 6 महीने में लगी आग से करीब 20 लाख का नुकसान होना माना है, जबकि वनाग्नि से बचाव के लिए करोड़ों का बजट जारी किया जा रहा है.

उत्तराखंड में जंगलों की आग से हो रहे लाखों के नुकसान को बचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. वन विभाग ने वनाग्नि को लेकर जो आंकड़े सार्वजनिक किये जा रहे हैं, वो तो कुछ यही इशारा कर रहे हैं. दरअसल, वन विभाग प्रदेश के वनों में लग रही आग को लेकर आर्थिक नुकसान का भी आंकड़ा सार्वजनिक करता है. राज्य में जल रहे जंगलों को लेकर आर्थिक सर्वे करने का विभाग के पास क्या मेकैनिज्म है ये तो कहना मुश्किल है, लेकिन आर्थिक नुकसान को लेकर जो आंकड़ा सामने आता है वह थोड़ा हैरान जरूर करता है.

वन विभाग का करीब 1000 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग से प्रभावित हो चुका है, लेकिन वन विभाग इस नुकसान को केवल 20 से 21 लाख रुपये का ही मान रहा है. दूसरी तरफ वन विभाग के नए मुखिया धनंजय मोहन खुद ये कहते हैं कि जंगलों की आग से होने वाले नुकसान का सटीक आकलन करना मुश्किल है.

वैसे तो वन विभाग जंगलों में आग से नुकसान को लेकर पूर्व में एक निश्चित फार्मूले को आधार बनाता है लेकिन मौजूदा समय में यह फार्मूला पुराना नजर आता है. इसलिए इतने बड़े नुकसान को आर्थिक रूप से इतना कम आंका जाना हैरानी भरा है. हालांकि, उत्तराखंड मे वनाग्नि कोई नई समस्या नहीं है. हर बार जंगलों की आग प्रदेश के लिए मुसीबत बनती रही है.

पढ़ें- सुर्खियों में उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर की घटनाएं, आज 47 मामले दर्ज, आग बुझाने के लिए तैनात की गई NDRF - Uttarakhand Forest Fire Statistics

उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर पर जानकारी देते धनंजय मोहन. (ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में जंगलों की आग इस समय सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है. खास बात यह है कि वन विभाग वनाग्नि से हुए आर्थिक नुकसान का भी आंकलन कर रहा है, जो हैरान करने वाला है. दरअसल, वन विभाग ने पिछले 6 महीने में लगी आग से करीब 20 लाख का नुकसान होना माना है, जबकि वनाग्नि से बचाव के लिए करोड़ों का बजट जारी किया जा रहा है.

उत्तराखंड में जंगलों की आग से हो रहे लाखों के नुकसान को बचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. वन विभाग ने वनाग्नि को लेकर जो आंकड़े सार्वजनिक किये जा रहे हैं, वो तो कुछ यही इशारा कर रहे हैं. दरअसल, वन विभाग प्रदेश के वनों में लग रही आग को लेकर आर्थिक नुकसान का भी आंकड़ा सार्वजनिक करता है. राज्य में जल रहे जंगलों को लेकर आर्थिक सर्वे करने का विभाग के पास क्या मेकैनिज्म है ये तो कहना मुश्किल है, लेकिन आर्थिक नुकसान को लेकर जो आंकड़ा सामने आता है वह थोड़ा हैरान जरूर करता है.

वन विभाग का करीब 1000 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग से प्रभावित हो चुका है, लेकिन वन विभाग इस नुकसान को केवल 20 से 21 लाख रुपये का ही मान रहा है. दूसरी तरफ वन विभाग के नए मुखिया धनंजय मोहन खुद ये कहते हैं कि जंगलों की आग से होने वाले नुकसान का सटीक आकलन करना मुश्किल है.

वैसे तो वन विभाग जंगलों में आग से नुकसान को लेकर पूर्व में एक निश्चित फार्मूले को आधार बनाता है लेकिन मौजूदा समय में यह फार्मूला पुराना नजर आता है. इसलिए इतने बड़े नुकसान को आर्थिक रूप से इतना कम आंका जाना हैरानी भरा है. हालांकि, उत्तराखंड मे वनाग्नि कोई नई समस्या नहीं है. हर बार जंगलों की आग प्रदेश के लिए मुसीबत बनती रही है.

पढ़ें- सुर्खियों में उत्तराखंड फॉरेस्ट फायर की घटनाएं, आज 47 मामले दर्ज, आग बुझाने के लिए तैनात की गई NDRF - Uttarakhand Forest Fire Statistics

Last Updated : May 2, 2024, 9:27 PM IST
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