देहरादूनः चुनाव के दौरान अधिकारी और कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए तमाम तरह की बहानेबाजी करते हैं. ताकि, चुनाव में उनकी ड्यूटी न लगाई जाए. लेकिन अब निर्वाचन आयोग ने कदम उठाते हुए जिला स्तर पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा रहा है. इससे अब अधिकारी और कर्मचारी बीमारी का बहाना बनाकर चुनाव ड्यूटी से नहीं बच सकेंगे.
उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है. जिसकी तैयारियों में निर्वाचन आयोग जुटा हुआ है. इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है, ताकि चुनाव को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराया जा सके. हालांकि, कई कर्मचारियों और अधिकारियों ने रिटर्निंग अधिकारी से स्वास्थ्य संबंधी कारण बताकर चुनाव में ड्यूटी न लगाने का अनुरोध किया है. यही कारण है कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला स्तर पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा रहा है.
ज्यादा जानकारी देते हुए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि निर्वाचन का कार्य समयबद्ध तरीके से होता है. जिसके लिए तमाम स्तरों पर कर्मचारियों की जरूरत होती है. लेकिन कई बार जिला स्तर पर उन लोगों की भी चुनाव में ड्यूटी लग जाती है, जो मेडिकल कारणों से ड्यूटी करने में समर्थ नहीं होते हैं. इसके चलते ऐसे कर्मचारी अपने जिलों में निर्वाचन अधिकारी से संपर्क करके अपनी समस्याओं से अवगत करवाते हैं.
कर्मचारियों के मेडिकल की समस्या को देखते हुए जिला स्तर पर मेडिकल बोर्ड का गठन किया जा रहा है. ताकि जो कर्मचारी अपने स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के चलते चुनाव ड्यूटी नहीं करना चाहते हैं, उनका मेडिकल परीक्षण किया जाएगा. मेडिकल परीक्षण में जो अनफिट पाए जाएंगे, उनको चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा. लेकिन अगर वो फिट पाए जाते हैं तो उनको चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः देशभर में cVIGIL APP मामले में टॉप 3 में शामिल उत्तराखंड, अब तक मिली 17 हजार से अधिक शिकायतें