देहरादून: उत्तराखंड में प्रोजेक्ट को समय से तैयार करते हुए पूरी प्रक्रिया को निर्धारित समय में पूरा करने के दिशा निर्देश जारी होते रहे हैं. इसके बावजूद भी विभिन्न विभागों द्वारा समय से योजनाओं का खाका ना तो तैयार किया जा रहा है और ना ही आगे इसकी प्रक्रिया को समय से पूर्ण किया जा रहा है. शायद यही कारण है कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने समीक्षा बैठक के दौरान इन्हीं स्थितियों को देखते हुए तमाम विभागों को समय से प्रोजेक्ट भेजे जाने के निर्देश दिए हैं. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, पशुपालन, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा विभाग को 24 घंटे की डेडलाइन देते हुए बचे हुए 383 करोड़ के प्रोजेक्ट जल्द से जल्द नाबार्ड को भेजने के निर्देश दिए हैं.
राधा रतूड़ी ने 31 जुलाई की समय सीमा भी तय करते हुए विभागों को वित्त विभाग को डीपीआर भेजने के लिए कहा है. इतना ही नहीं भविष्य में नाबार्ड को सभी प्रोजेक्ट समय से भेजे जाएं, इसके लिए भी सख्त हिदायद दी गई है. मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि नाबार्ड में सिर्फ उन्हीं प्रोजेक्ट को भेजा जाए, जो उच्च गुणवत्ता वाले हों. इसके अलावा प्रोजेक्ट की प्राथमिकता भी विभागों द्वारा तय किए जाने के लिए कहा गया है. साथ ही इस दौरान फंडिंग की डुप्लीकेसी ना हो, इस पर भी विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिए गए हैं.
मुख्य सचिव ने विभागों को 50% तक के प्रोजेक्ट 30 जून, 60% तक के प्रोजेक्ट 31 जुलाई और 100% तक के प्रोजेक्ट 15 अगस्त तक वित्त विभाग को भेजने के लिए लक्ष्य तय किया है. वित्त विभाग द्वारा 360 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स दिए गए हैं. इसमें सिंचाई विभाग के 77 करोड़ के 10 प्रोजेक्ट हैं. लोक निर्माण विभाग के 193 करोड़ के 89 प्रोजेक्ट्स दिए गए हैं. तकनीकी शिक्षा में 66 करोड़ के चार प्रोजेक्ट हैं. पशुपालन विभाग से 10 करोड़ का एक प्रोजेक्ट है. ग्रामीण निर्माण विभाग में 13.48 करोड़ के पांच प्रोजेक्ट हैं. साल 2023-24 में राज्य को नाबार्ड द्वारा कुल 904 करोड़ के सापेक्ष भुगतान 954 करोड़ रहा है. साल 2024-25 के लिए आरआईडीएफ (Rural infrastructure development fund)(ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि) के तहत 1200 करोड़ का अनुमोदित लक्ष्य और 969 करोड़ रुपए का प्रतिपूर्ति लक्ष्य रखा गया है.
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