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उत्तराखंड में सदस्यता अभियान से मुस्लिमों को साधने में जुटी बीजेपी, जानिए अल्पसंख्यकों के लिए क्या है रणनीति? - BJP Muslim Membership - BJP MUSLIM MEMBERSHIP

Uttarakhand BJP Muslim Membership भारतीय जनता पार्टी देशभर में सदस्यता अभियान के जरिए खुद को मजबूत करने में जुटी हुई है. इस बीच पार्टी की रणनीति में अल्पसंख्यक समाज भी है, जिनके लिए राष्ट्रीय स्तर पर विशेष फोकस किया जा रहा है. उत्तराखंड में भी मुस्लिम समाज को भाजपा के नेता साधने में जुटे हैं. हालांकि इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने टारगेट सेट किए हैं, लेकिन उत्तराखंड में भी इस पर सदस्यता के रूप में एक बड़ा आंकड़ा तय किया गया है.

Uttarakhand BJP Muslim Membership
बीजेपी ने मुस्लिमों को जोड़ने का रखा लक्ष्य (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 7, 2024, 10:56 AM IST

मुस्लिमों को साधने में जुटी बीजेपी (Video- ETV Bharat)

देहरादून: राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा संगठन महापर्व ने तहत सदस्यता अभियान का आगाज हो गया है.वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों भाजपा कार्यालय पहुंचकर भाजपा की सदस्यता को रिन्यूअल कराया, जिसके बाद ये अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अपनी विचारधारा से उलट मुस्लिम वर्ग पर भी पार्टी ने खास रणनीति को तैयार किया है. भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समुदाय के लोगों को भाजपा की सोच से जोड़ना चाहती है. खास बात ये है कि पार्टी अपनी इसी रणनीति की बदौलत एक बड़ा लक्ष्य को पूरा करने का भी दावा कर रही है.

अल्पसंख्यकों को पार्टी से जोड़ा जाएगा: उत्तराखंड में करीब 17 लाख मुस्लिम समाज के लोग निवास कर रहे हैं. जिनमें से फिलहाल पार्टी ने करीब एक लाख अल्पसंख्यक समाज के लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इतना बड़ा टारगेट पूरा करने के पीछे राष्ट्रीय स्तर पर तय हुई रणनीति मानी जा रही है. जिसकी बदौलत पार्टी के नेता बड़ी संख्या में सदस्यता कराने का दम भर रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर देशभर के लिए 50 लाख अल्पसंख्यकों को सदस्य बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष क्या बोले: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता शादाब शम्स बताते हैं कि दिल्ली में अल्पसंख्यक मोर्चे का राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का कार्यक्रम हुआ था.जिसमें देश भर के लिए विशेष रणनीति के साथ लक्ष्य दिए गए हैं और उसी के हिसाब से उत्तराखंड में भी सदस्यता करवाने की जिम्मेदारी दी गई है. राजनीतिक रूप से माना जाता है कि मुस्लिम वर्ग के लोग भारतीय जनता पार्टी को उनके हिंदुत्व एजेंडे के चलते पसंद नहीं करते. भाजपा के नेता भी समय-समय पर अपने बयानों के खाई बढ़ाते रहते हैं. भाजपा का फोकस हिंदू आबादी होती है और सदस्यता का लक्ष्य भी उसी के लिहाज से तय भी होता है. लेकिन अब ऐसे ही लक्ष्य अल्पसंख्यक मोर्चे को भी दिया गया है.

मुस्लिम समुदाय को साधने की कोशिश: अल्पसंख्यक वर्ग के लिए लक्ष्य तय करने के दौरान इसे पूरा करने के लिए भी विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई है. इसके तहत भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समुदाय के लोगों को साधने के लिए रणनीति बनाकर कार्य कर रही है. केंद्र की नीतियों को लेकर बड़े धार्मिक मामलों पर स्थिति स्पष्ट करने और विभिन्न योजनाओं में मुस्लिम समाज को मिल रहे फायदे का मानचित्र उनके सामने रखने की भी कोशिश की जाएगी.

जानिए क्या बोली कांग्रेस: भाजपा के खिलाफ वोट बैंक के रूप में मुस्लिम वर्ग विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा हथियार माना जाता है और विपक्ष इस वर्ग की अलग विचारधारा के चलते इसे उनकी मजबूरी भी मानता रहा है. ऐसे में अब इसी विशेष वर्ग पर भाजपा का फोकस करना विपक्षी दलों को भी परेशान कर रहा है. उत्तराखंड में कांग्रेस भी भाजपा के इन प्रयासों को दोहरे चरित्र के रूप में देख रही है. बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत सिंह बुटोला ने कहा कि वैसे तो पार्टी यह मानती है कि भाजपा को सद्बुद्धि आनी चाहिए. यदि भाजपा सभी को समान रूप से देखने का प्रयास कर रही है तो यह एक अच्छी बात है. लेकिन इस मामले में पार्टी की करनी और करनी में काफी ज्यादा अंतर दिखाई दे रहा है. इस बात को बीजेपी के बड़े नेताओं के उन बयानों से समझा जा सकता है जो अक्सर इस विशेष वर्ग को लेकर दिए जाते हैं.

तमाम विधानसभाओं में महत्वपूर्ण भूमिका: राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक के रूप में देखे तो उत्तराखंड में भी मुस्लिम वर्ग तमाम विधानसभाओं में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. इस वर्ग की आबादी कई विधानसभाओं का चुनावी परिणाम पूरी तरह से पलट देती है. भाजपा को इसका बड़ा नुकसान भी चुनाव के दौरान देखने को मिलता है. लेकिन पार्टी अब कुछ हद तक इस नुकसान को कम करने और इस समाज को साधने के लिए रणनीति के तहत काम करने का प्रयास कर रही है. हालांकि यह प्रयास कितना सफल होगा इसका पता आने वाले समय में ही चल सकेगा.

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मुस्लिमों को साधने में जुटी बीजेपी (Video- ETV Bharat)

देहरादून: राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा संगठन महापर्व ने तहत सदस्यता अभियान का आगाज हो गया है.वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों भाजपा कार्यालय पहुंचकर भाजपा की सदस्यता को रिन्यूअल कराया, जिसके बाद ये अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने इस बार अपनी विचारधारा से उलट मुस्लिम वर्ग पर भी पार्टी ने खास रणनीति को तैयार किया है. भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समुदाय के लोगों को भाजपा की सोच से जोड़ना चाहती है. खास बात ये है कि पार्टी अपनी इसी रणनीति की बदौलत एक बड़ा लक्ष्य को पूरा करने का भी दावा कर रही है.

अल्पसंख्यकों को पार्टी से जोड़ा जाएगा: उत्तराखंड में करीब 17 लाख मुस्लिम समाज के लोग निवास कर रहे हैं. जिनमें से फिलहाल पार्टी ने करीब एक लाख अल्पसंख्यक समाज के लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. इतना बड़ा टारगेट पूरा करने के पीछे राष्ट्रीय स्तर पर तय हुई रणनीति मानी जा रही है. जिसकी बदौलत पार्टी के नेता बड़ी संख्या में सदस्यता कराने का दम भर रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर देशभर के लिए 50 लाख अल्पसंख्यकों को सदस्य बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष क्या बोले: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा नेता शादाब शम्स बताते हैं कि दिल्ली में अल्पसंख्यक मोर्चे का राष्ट्रीय सदस्यता अभियान का कार्यक्रम हुआ था.जिसमें देश भर के लिए विशेष रणनीति के साथ लक्ष्य दिए गए हैं और उसी के हिसाब से उत्तराखंड में भी सदस्यता करवाने की जिम्मेदारी दी गई है. राजनीतिक रूप से माना जाता है कि मुस्लिम वर्ग के लोग भारतीय जनता पार्टी को उनके हिंदुत्व एजेंडे के चलते पसंद नहीं करते. भाजपा के नेता भी समय-समय पर अपने बयानों के खाई बढ़ाते रहते हैं. भाजपा का फोकस हिंदू आबादी होती है और सदस्यता का लक्ष्य भी उसी के लिहाज से तय भी होता है. लेकिन अब ऐसे ही लक्ष्य अल्पसंख्यक मोर्चे को भी दिया गया है.

मुस्लिम समुदाय को साधने की कोशिश: अल्पसंख्यक वर्ग के लिए लक्ष्य तय करने के दौरान इसे पूरा करने के लिए भी विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई है. इसके तहत भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समुदाय के लोगों को साधने के लिए रणनीति बनाकर कार्य कर रही है. केंद्र की नीतियों को लेकर बड़े धार्मिक मामलों पर स्थिति स्पष्ट करने और विभिन्न योजनाओं में मुस्लिम समाज को मिल रहे फायदे का मानचित्र उनके सामने रखने की भी कोशिश की जाएगी.

जानिए क्या बोली कांग्रेस: भाजपा के खिलाफ वोट बैंक के रूप में मुस्लिम वर्ग विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा हथियार माना जाता है और विपक्ष इस वर्ग की अलग विचारधारा के चलते इसे उनकी मजबूरी भी मानता रहा है. ऐसे में अब इसी विशेष वर्ग पर भाजपा का फोकस करना विपक्षी दलों को भी परेशान कर रहा है. उत्तराखंड में कांग्रेस भी भाजपा के इन प्रयासों को दोहरे चरित्र के रूप में देख रही है. बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत सिंह बुटोला ने कहा कि वैसे तो पार्टी यह मानती है कि भाजपा को सद्बुद्धि आनी चाहिए. यदि भाजपा सभी को समान रूप से देखने का प्रयास कर रही है तो यह एक अच्छी बात है. लेकिन इस मामले में पार्टी की करनी और करनी में काफी ज्यादा अंतर दिखाई दे रहा है. इस बात को बीजेपी के बड़े नेताओं के उन बयानों से समझा जा सकता है जो अक्सर इस विशेष वर्ग को लेकर दिए जाते हैं.

तमाम विधानसभाओं में महत्वपूर्ण भूमिका: राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक के रूप में देखे तो उत्तराखंड में भी मुस्लिम वर्ग तमाम विधानसभाओं में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. इस वर्ग की आबादी कई विधानसभाओं का चुनावी परिणाम पूरी तरह से पलट देती है. भाजपा को इसका बड़ा नुकसान भी चुनाव के दौरान देखने को मिलता है. लेकिन पार्टी अब कुछ हद तक इस नुकसान को कम करने और इस समाज को साधने के लिए रणनीति के तहत काम करने का प्रयास कर रही है. हालांकि यह प्रयास कितना सफल होगा इसका पता आने वाले समय में ही चल सकेगा.

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