गोरखपुर : विकसित होते गोरखपुर में गीडा यानी कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपना बड़ा रोल निभा रहा है. कई नामचीन और बड़ी कंपनियों को अपने क्षेत्र में इनवेस्ट करने का मौका देकर, रोजगार सृजन के साथ औद्योगिक माहौल भी तैयार कर रहा है. यहां की बंद पड़ी धुरियापार चीनी मिल की जमीन जो अब गीडा के अधीन आ चुकी है, वहां अडानी ग्रुप अपनी सीमेंट फैक्ट्री लगाने जा रहा है. इसके अलावा श्री और अंबुजा सीमेंट के प्लांट के लिए भी जमीन दी जा रही है.
इसके अलावा कुछ अन्य बड़े प्रोजेक्ट भी इस क्षेत्र के विकास और रोजगार सृजन में अपनी बड़ी भूमिका अदा करने में जुटा है. करीब तीन सौ एकड़ क्षेत्रफल में संचालित हो रहा गीडा निवेश प्रस्ताव को देखते हुए किसानों से अब तक नए अधिग्रहण में तीन सौ पचास एकड़ जमीन खरीद ली है. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के कई प्रस्ताव धरातल पर उतरने लगे हैं तो कुछ ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है.
चीनी मिल की जमीन पर सीमेंट फैक्ट्री : गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की सीईओ अनुज मलिक ने बताया है कि सीमेंट उत्पादन के क्षेत्र में अंबुजा और श्री सीमेंट समूह ने उनसे जमीन की मांग की है, जिसके लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं, अडानी ग्रुप को धुरियापार चीनी मिल की जमीन पर सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए दी जाएगी. इस प्रस्ताव पर मोहर लगा चुकी है. यह सभी उद्योग गीडा और लिंक एक्सप्रेसवे के बीच में बनने वाले औद्योगिक गलियारा क्षेत्र में पड़ेंगे, जिससे उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन दोनों में आसानी होगी. उन्होंने बताया, कि प्रत्येक सीमेंट फैक्ट्री से प्रत्यय और अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक से दो हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. अब तक जिन उद्योगों की स्थापना हो चुकी है और भविष्य में जिनके स्थापना की संभावना दिखाई दे रही है, वह करीब 8 से दस हजार लोगों को रोजगार से जोड़ेगा.
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सीईओ अनुज मलिक ने कहा, कि और कलर्स बनाने वाली बड़ी कंपनी नोवा मैक्स को भी जमीन आवंटित की जा चुकी है. तो करीब 1000 करोड़ के टर्नओवर वाली कंपनी अपोलो स्टील को भी 22 एकड़ जमीन प्लांट स्थापित करने के लिए दिया गया है. उन्होंने बताया, कि वरुण बेवरेज अपने संयंत्र स्थापित कर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में दिए प्रस्ताव के मुताबिक उत्पादन का कार्य भी शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया, कि यहां स्थापित प्लांट 60 से 70 फीसदी एमएसएमई कैटेगरी में दर्ज हैं. इसीलिए गीडा ने अपने क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर से लेकर डेढ़ लाख वर्ग मीटर तक के प्लांट उद्योगों की स्थापना के लिए तैयार किया है. जिससे छोटे-बड़े सभी प्रकार के उद्योग स्थापित हो सकें.
लोगों को मिलेगा रोजगार: धुरियापार की बंद पड़ी चीनी मिल की करीब 65 एकड़ जमीन गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण 150 करोड़ में खरीदेगा. जिसे सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए अडानी ग्रुप को देगा. अडानी समूह इसमें करीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा, जिसमें करीब 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा. अडानी ग्रुप के अधिकारियों ने पिछले दिनों गोरखपुर का दौरा कर बंद पड़ी फैक्ट्री धुरियापार की जमीन को सीमेंट फैक्ट्री के लिए फाइनल कर दिया है. इस जमीन से सटकर रेल लाइन भी प्रस्तावित है, जिससे सीमेंट की ढुलाई का काम भी आसान हो जाएगा.
सीईओ ने बताया है, कि यह जमीन अडानी ग्रुप को आवंटित की जाएगी. जिसके लिए सहमति बन चुकी है. बस शासन से अनुमति मिलने का इंतजार है. उन्होंने बताया, कि सीमेंट की तीन फैक्ट्रियां भविष्य में गीडा क्षेत्र में उत्पादन करेंगी. वर्तमान में गैलेंट समूह सीमेंट का उत्पादन यहां कर रहा है. इस प्रकार कुल चार सीमेंट फैक्ट्रियां गीडा में सीमेंट का उत्पादन करेंगी. पूर्वांचल में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में तेजी के साथ कार्य हो रहा है, जिसमें सीमेंट की खपत और मांग बढ़ी है.
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