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कौड़ियाला नदी में उफान, तेज बहाव में ग्रामीणों के 15 घर डूबे, 40 एकड़ फसल भी नदी में समाई - Flood in Bahraich - FLOOD IN BAHRAICH

नेपाल में हो रही तेज बारिश से कौड़ियाला नदी उफान पर है. जिसकी जद में लगभग 15 ग्रामीणों के घर नदी में समाहित हो गए. इसके अलावा किसानों की धान की फसल भी नदी में समाहित हो चुकी है.

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कौडियाला नदी में ग्रामिणों के घर डूबे (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 1:57 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 10:35 PM IST

बहराइच: जनपद के बिछिया कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी पर घने जंगलों के बीचों बीच स्थित कौड़ियाला नदी के किनारे बसे भरथापुर गांव जो कि विस्थापन की बांट जो रहा है, वहां पिछले एक सप्ताह से ग्रामीणों की जान संकट में है. नेपाल में हो रही तेज बारिश से कौड़ियाला नदी उफान पर है. लगभग 15 ग्रामीणों के घर नदी में समाहित हो गए. इसके अलावा नदी के रौद्र रूप ने किसानों की लगभग 40 एकड़ पिपरमेंट, धान की फसल नदी में समाहित हो चुकी है.

इसे भी पढ़े-आगरा के 38 गांव में बाढ़ का खतरा; चंबल नदी का पानी चेतावनी बिंदु के पास, स्टीमर चलना बंद - Flood in UP

ग्रामीणों ने अब अपने बचे हुए घरों को तोड़कर जंगल के किनारे अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही ग्रामीणों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा है. लोग भूखमरी की कगार पर है. हालांकि, तीन दिन पहले प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट बी शिव शंकर ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के साथ मिलकर खाद्य सामग्री बांटी थी. लेकिन, ये अब ग्रामीणों के लिए नाकाफी साबित हो रही है.

ग्रामीणों का कहना है, कि नदी में प्रतिदिन एक एक घर समाहित होते जा रहे है. फसल जमींदोज हो रही है. कई मवेशियों की तबीयत खराब है. गांव में बच्चे बीमार है. लेकिन, अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर नही पहुंच पाई है. कौड़ियाला और गेरुआ नदी उफान पर है. इलाज के लिए ग्रामीण कहीं नहीं जा पा रहे हैं. लोगों ने प्रशासन से विस्थापन की प्रक्रिया में तेजी लाने की भी मांग की हैं. ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, कि बच्चे और ग्रामीण बीमार है. कोई घटना घट गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

यमुना का बढ़ा जलस्तर, विश्राम घाट की सीढ़ियां डूबी:

मथुरा: उत्तर भारत में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां उफान पर है. हथनी कुंड बैराज से दो लाख दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसके चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है और नदियों में किनारे झोपड़ियों में रह रहे लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है. शहर के विश्राम घाट पर पानी बढ़ने के कारण दो सीढ़ियां डूब चुकी हैं. जिला प्रशासन ने भी खतरे को देखकर हुए चेतावनी जारी की है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष से बढ़ते जलस्तर को लेकर निगरानी रखी जा रही.

यह भी पढ़े-नारायणी नदी की कटान में समा गए स्कूल, घर और मंदिर; खौफ के साये में जी रहे दर्जनों गांवों के लोग - Flood in Kushinagar

बहराइच: जनपद के बिछिया कतर्नियाघाट के गेरुआ नदी पर घने जंगलों के बीचों बीच स्थित कौड़ियाला नदी के किनारे बसे भरथापुर गांव जो कि विस्थापन की बांट जो रहा है, वहां पिछले एक सप्ताह से ग्रामीणों की जान संकट में है. नेपाल में हो रही तेज बारिश से कौड़ियाला नदी उफान पर है. लगभग 15 ग्रामीणों के घर नदी में समाहित हो गए. इसके अलावा नदी के रौद्र रूप ने किसानों की लगभग 40 एकड़ पिपरमेंट, धान की फसल नदी में समाहित हो चुकी है.

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ग्रामीणों ने अब अपने बचे हुए घरों को तोड़कर जंगल के किनारे अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही ग्रामीणों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा होगा है. लोग भूखमरी की कगार पर है. हालांकि, तीन दिन पहले प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट बी शिव शंकर ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के साथ मिलकर खाद्य सामग्री बांटी थी. लेकिन, ये अब ग्रामीणों के लिए नाकाफी साबित हो रही है.

ग्रामीणों का कहना है, कि नदी में प्रतिदिन एक एक घर समाहित होते जा रहे है. फसल जमींदोज हो रही है. कई मवेशियों की तबीयत खराब है. गांव में बच्चे बीमार है. लेकिन, अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर नही पहुंच पाई है. कौड़ियाला और गेरुआ नदी उफान पर है. इलाज के लिए ग्रामीण कहीं नहीं जा पा रहे हैं. लोगों ने प्रशासन से विस्थापन की प्रक्रिया में तेजी लाने की भी मांग की हैं. ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, कि बच्चे और ग्रामीण बीमार है. कोई घटना घट गई तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

यमुना का बढ़ा जलस्तर, विश्राम घाट की सीढ़ियां डूबी:

मथुरा: उत्तर भारत में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां उफान पर है. हथनी कुंड बैराज से दो लाख दो लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसके चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है और नदियों में किनारे झोपड़ियों में रह रहे लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है. शहर के विश्राम घाट पर पानी बढ़ने के कारण दो सीढ़ियां डूब चुकी हैं. जिला प्रशासन ने भी खतरे को देखकर हुए चेतावनी जारी की है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष से बढ़ते जलस्तर को लेकर निगरानी रखी जा रही.

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Last Updated : Aug 16, 2024, 10:35 PM IST
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