आगरा : शहर के चारों कोनों पर प्राचीन शिवालयों में भगवान महादेव विराजमान हैं. आज सावन का चौथा सोमवार है. प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. यह आगरा का एकमात्र महादेव मंदिर है, जहां महादेव की भस्म महाआरती होती है. इस मंदिर का इतिहास करीब 800 साल से अधिक पुराना है. इस मंदिर से पराक्रमी पृथ्वीराज चौहान और संयोगिता के स्वयंवर की एक रोचक कहानी भी जुड़ी है. सावन के चौथे सोमवार को इस मंदिर पर विशाल मेला लगता है.
सावन माह में हर ओर बाबा महादेव के जयकारे गूंज रहे हैं. हर-हर महादेव और बम-बम बोले की धूम मची है. शिवालयों में बाबा महादेव के लिए विशेष पूजा-अर्चना के साथ ही अनुष्ठान भी किए जा रहे हैं. आगरा की बात करें तो सावन के चौथे सोमवार को शाहगंज स्थित प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर का भव्य और विशाल मेला लगता है. सावन मास में इस मंदिर में बाबा महोदव को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है. मंदिर परिसर में छोटे महादेव और हनुमानजी भी विराजमान हैं.
यहां था घना जंगल, आगरा का प्रवेश द्वार था : प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के महंत अजय राजौरिया बताते हैं कि मंदिर करीब 800 साल से अधिक प्राचीन है. यहां घना जंगल और खेत खलिहान थे. आगरा में राजस्थान की ओर जाने और आने का ये क्षेत्र प्रवेश द्वार था. जिस जगह पर बाबा महादेव विराजमान हैं. यहां पर एक कुआं और छोटा धर्मशाला था. यहां राहगीर रुकते थे. रात्रि विश्राम भी यहां पर करते थे. इसके वाद आगे की यात्रा करते थे.
पेड़ की जड़ में मिला था शिवलिंग : प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के महंत अजय राजौरिया बताते हैं कि कन्नौज के राजा जयचंद ने बेटी संयोगिता का स्वयंवर किया था. स्वयंवर से अजमेर के पराक्रमी राजा पृथ्वीराज चौहान ने संयोगिता का हरण कर लिया. राजा पृथ्वीराज चौहान ने आगरा में पहुंचकर यहां पर सेना के साथ पड़ाव किया. सैनिकों ने राजा पृथ्वीराज चौहान के रथ के घोड़े एक बड़े आकार के आक के पेड़ की जड़ से बांध दिया.
कुछ देर में घोड़े खुल गए. सैनिक ने उन्हें दोबारा बांध दिया. मगर, हर बार घोड़े की रस्सी पेड़ से खुल जाती. इस पर सैनिकों ने राजा पृथ्वीराज चौहान को इसकी जानकारी दी. इस पर आक पेड़ पर किसी प्रेत की छाया की आशंका के चलते राजा पृथ्वीराज चौहान ने पेड़ उखड़वाया तो पेड़ की जड़ से शिवलिंग जकड़ा मिला.
एक ही शिवलिंग पर शिव परिवार : प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के महंत अजय राजौरिया बताते हैं कि मंदिर के एक तल के नीचे शिवजी पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं. ये दुनिया का अनोखा शिवलिंग है, जिसमें भगवान शिव और उनका परिवार विराजमान है. शिवलिंग में एक तरफ भगवान गणेश, दूसरी ओर माता पार्वती और आगे की तरफ नंदी की प्रतिमा साफ देखने को मिलती है.
बाबा हरते हैं दुख, मनोकामना करते हैं पूरी : श्रद्धालु अमित गुप्ता ने बताया कि हर सावन में एक बार जरूर बाबा के दरबार में माथा टेकने के लिए परिवार के साथ आते हैं. बाबा के आर्शीवाद से परिवार खुश हैं. सब काम पूरे हो रहे हैं. श्रद्धालु सोनू अग्रवाल ने बताया कि बाबा की मान्यता से हर मनोकामना पूरी होती है. श्रद्धालु मंजू शर्मा का कहना है कि बाबा महादेव सभी की हर मनोकामना पूरी करते हैं. हम सावन ही नहीं, साल में जब मन करता है, बाबा के दर्शन के लिए आते हैं. यहां पर आकर शांति मिलती है.
पॉलिथिन फ्री रहेगा मेला, श्रद्धालुओं से अपील : प्राचीन पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के सावन के चौथे सोमवार को लगने वाला विशाल मेला पॉलीथिन फ्री रहेगा. मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि बाबा महादेव पर जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक के लिए जल और दूध पॉलीथिन या प्लास्टिक के गिलास में नहीं लाएं. घर से धातु के बर्तन में जल, गंगाजल या दुग्ध ही बाबा महादेव पर अर्पण करें. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को लेकर मंदिर में एकल प्रवेश की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालु मुख्य द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे और पीछे वाले द्वार से बारह निकलेंगे. महिलाओं और पुरुषों के लिए बैरिकेट लगाकर अलग-अलग प्रवेश की व्यवस्था की गई है.
तड़के तीन बजे बाबा महादेव का जलाभिषेक : मंदिर महंत अजय राजौरिया ने बताया कि सोमवार की तड़के तीन बजे भगवान महादेव का जलाभिषेक किया गया. 4 बजे से पट खोल दिए गए. सोमवार को रात्रि 12 बजे तक मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुले रहेंगे. ये पूरा कार्यक्रम रहेगा.
आज मंदिर में होंगे ये कार्यक्रम : सुबह छह बजे, आठ बजे, 10 बजे और 12 बजे बाबा की आरती होगी. शाम छह बजे बाबा महोदव का विशेष शृंगार करके संध्या आरती होगी. भव्य फूल बंगला सजाकर भगवान को छप्पन भोग अर्पित किए जाएंगे. भजन संध्या में कलाकार भगवान के भजनों की सुंदर प्रस्तुतियां देंगे. मंदिर कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं दालबाटी प्रसाद वितरण किया जाएगा, रात्रि 10 बजे शयन बाबा महोदव की आरती होगी. रात्रि 12 बजे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर पट बंद कर दिए जाएंगे.
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