कोटा. कांग्रेस ने गुरुवार को अपनी तीसरी सूची जारी कर दी. पार्टी ने बारां-झालावाड़ सीट से उर्मिला जैन भाया को अपना प्रत्याशी बनाया है, जो राज्य के पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी होने के साथ ही वर्तमान में बारां की जिला प्रमुख हैं. वहीं, अब उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी दुष्यंत सिंह से है. दुष्यंत सिंह इस सीट से पांचवीं बार लगातार चुनाव लड़ रहे हैं. साथ ही इस सीट पर पिछले 35 सालों से भाजपा का कब्जा है. दुष्यंत सिंह से पहले उनकी मां व राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे यहां से चुनाव लड़ती थी, जो लगातार पांच बार इस सीट से जीत दर्ज की थीं. उर्मिला जैन भाया इससे पहले साल 2009 में बारां-झालावाड़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. उस चुनाव में दुष्यंत सिंह को 428996 वोट मिले थे, जबकि उर्मिला जैन भाया को 376208 वोट पड़े थे. दुष्यंत सिंह ने उन्हें करीब 52841 वोटों से हाराया था. ऐसे में एक बार फिर 15 साल बाद दोनों नेता आमने-सामने हैं.
35 सालों से एक ही पार्टी का उम्मीदवार जीता, इसलिए पिछड़ा क्षेत्र : उर्मिला जैन ने टिकट मिलने के बाद शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया है. साथ ही पूर्व विधायक व बुजुर्ग कांग्रेसी शिवनारायण नागर से मिलकर आशीर्वाद लिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि क्षेत्र के आदिवासी सहरिया, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए बिना किसी भेदभाव के वो काम करेंगी. सभी वर्गों के समर्थन से वो क्षेत्र का विकास करेंगी. आगे उन्होंने कहा कि पिछले 35 सालों से उपेक्षित इस संसदीय क्षेत्र को विकास की ओर ले जाएगी. इस सीट पर लगातार 9 चुनाव में एक ही पार्टी के उम्मीदवार को जीत मिली है, जिसका खामियाजा जनता को झेलना पड़ा है.
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दो दशक से राजनीति में हैं सक्रिय : मूल रूप से बारां निवासी उर्मिला जैन भाया की उम्र 51 साल है. वे बीते दो दशक से राजनीति में सक्रीय हैं. उनके पति की तरह ही उर्मिला जैन भाया की भी पहचान गोभक्त और समाजसेवी के रूप में है. भाया दंपती हजारों की संख्या में जोड़ों का निशुल्क विवाह करवा चुके हैं. इसके अलावा असहाय जानवरों और मवेशियों के लिए भी उन्होंने अस्पताल खोला है. शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को संस्थाओं के जरिए स्कॉलरशिप देकर पढ़ाई करवाती हैं.
पति प्रमोद जैन भाया लड़ चुके हैं 6 चुनाव : उर्मिला जैन भाया के पति प्रमोद जैन राजस्थान सरकार में दो बार मंत्री रह चुके हैं. भाया पांच विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें तीन बार विधायक बने हैं. पहली बार उन्होंने 2003 में चुनाव लड़ा था, जिसमें निर्दलीय प्रत्यशी के रूप में जीते थे. इसके अलावा एक बार लोकसभा का चुनाव भी उन्होंने लड़ा है. उनका बेटा यश जैन बारां यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हैं और एलएलबी की पढ़ाई कर चुके हैं, जबकि दो बेटियां रिद्धि और सिद्धि दोनों आईआईटियन हैं और दोनों विवाह के बाद यूएसए में जॉब कर रही हैं.
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भाजपा के बहुमत में भी बनी थी जिला प्रमुख : साल 2021 में हुए जिला परिषद के चुनाव में बारां जिले की 25 सीटों में से 13 पर भारतीय जनता पार्टी और बराबर कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे. इसके बाद भी बिना बहुमत के आखिरी वक्त पर तत्कालीन खनन व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जोड़-तोड़कर अपनी पत्नी को जिला प्रमुख बनवाया था. बाड़े बंदी के बावजूद भाजपा के जिला परिषद सदस्य ने क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके चलते उर्मिला जैन को 13 मत मिले थे, जबकि पराजित रहीं भाजपा उम्मीदवार प्रियंका शर्मा को 12 मत मिले थे.