जयपुर : राजस्थान के अर्बन सेक्टर में सोमवार को 76 हजार करोड़ रुपए के निवेश पर समझौता हुआ. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मौजूदगी में हुए एमओयू के बाद खर्रा ने दिसंबर में होने वाले राइजिंग राजस्थान के फाइनल समिट तक नगरीय विकास विभाग के सवा लाख करोड़ के टारगेट को पार करने का दावा किया. साथ ही कहा कि वो सिर्फ समझौते ही नहीं करेंगे, बल्कि उनको धरातल पर उतारने का काम भी शुरू कर देंगे. इस दौरान उन्होंने पिछले कालखंड में अटके पड़े द्रव्यवती नदी की परिकल्पना को आने वाले समय में पूरा करते हुए उसका विकास करने की बात कही.
76 हजार करोड़ रुपए के समझौते : प्रदेश में 9 से 11 दिसंबर को होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट से पहले सोमवार को नगरीय विकास विभाग ने अर्बन सेक्टर प्री इन्वेस्टमेंट समिट किया. इसमें करीब 76000 करोड़ से ज्यादा के करार हुए. हालांकि, विभाग को राज्य सरकार की ओर से करीब सवा लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य मिला है. इस लक्ष्य को दिसंबर तक प्राप्त करने की बात कहते हुए यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि लगभग 76 हजार करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं. ये समझौते सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेंगे. निकट भविष्य में जितने भी समझौते हुए हैं वो सारे धरातल पर उतरते हुए दिखाई देंगे. इनके अलावा भी दिसंबर तक इससे दोगुने नगरीय विकास के समझौते और करने में सफलता प्राप्त करेंगे.
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द्रव्यवती पर होगा काम : खर्रा ने मेट्रो और द्रव्यवती प्रोजेक्ट में गति लाने की बात कहते हुए कहा कि पहली बार ये विचार किया है कि सीतापुरा से अंबाबाड़ी इंडस्ट्रियल एरिया तक मेट्रो का विस्तार हो. ये काम पीपीपी मोड पर हो इसके लिए समझौते का प्रयास चल रहा है. भारत सरकार के साथ साझेदारी की बात हो चुकी है और बहुत जल्द ये प्रोजेक्ट धरातल पर उतरता हुआ दिखाई देगा. वहीं, द्रव्यवती नदी को लेकर मंत्री खर्रा ने कहा कि कोशिश कर रहे हैं कि आने वाले समय में जिस परिकल्पना के साथ द्रव्यवती का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, उस परिकल्पना के अनुसार उसका काम पूर्ण हो.
इससे पहले मंच से खर्रा ने कहा कि राजस्थान को 350 मिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है. राजस्थान में डेवलप हो रही योजनाओं को लेकर बाहर के लोगों में अच्छा रुझान देखने को मिल रहा है. राजस्थान में वाइल्डलाइफ, ऐतिहासिक स्थल और धार्मिक पर्यटन लगातार बढ़ रहा है. यही वजह है कि राइजिंग राजस्थान के लिए इन्वेस्टर्स को यहां आकर निवेश करने का न्योता भी दिया गया है.
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वहीं, मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट को लेकर इन्वेस्टर्स के लिए सरकार की ओर से सुविधाएं दी जाएंगी. भिवाड़ी को लेकर उन्होंने कहा कि भिवाड़ी भी गुड़गांव (गुरुग्राम) के जैसे क्यों नहीं हो सकता ? गुड़गांव में अब जगह नहीं बची, अब भिवाड़ी उसकी जगह ले सकता है. आने वाले समय में भिवाड़ी का डेवलपमेंट और तेजी से होगा. इस दौरान उन्होंने लोकल बॉडीज की पावर्स बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा कि 40 मीटर की ऊंचाई की बिल्डिंग की परमिशन यूडीएच दे रहा है. 41 मीटर होते ही वो फाइल सरकार के पास आ जाती है. इसमें बदलाव करना होगा और लोकल बॉडी पर भरोसा करना होगा.
सीएस ने पानी को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ईआरसीपी से कितना ही पानी ले आएं, लेकिन हमने पानी को लेकर कुछ नहीं किया तो चैलेंज बने रहेंगे. राजस्थान में उद्योग के लिए बहुत संभावनाएं हैं. सरकार और भी योजनाएं लाने वाली है. जयपुर में बहुत कुछ है जो अन्य शहरों से अलग है. स्मृति वन, टाइगर सफारी शहर के बीच है, जो दूसरे शहरों में नहीं है, लेकिन जयपुर की पहली रिंग रोड बनने में ही 10-12 साल लग गए. अब दूसरी रिंग रोड बन रही है, लेकिन इसमें इतना समय नहीं लगेगा. वहीं, उन्होंने बारिश के पानी को संचित करने की बात कहते हुए बिल्डिंग बनने से पहले वाटर हार्वेस्टिंग लगाने पर भी जोर दिया.