लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) मुख्यालय में निदेशक मंडल की 248 वीं बैठक में तमाम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई. इनमें सबसे खास चालक परिचालकों से जुड़ा हुआ है. अब बिना बुक किए बस में सामान ले जाते तीन बार लगातार पकड़े जाने पर चालक परिचालक नौकरी से हाथ धो बैठेंगे. अगर बिना बुक भार के साथ लगेज का मालिक बस में यात्रा कर रहा होगा तो टिकट के बराबर जुर्माना वसूला जाएगा.
अगर सामान का मालिक बस में यात्रा नहीं कर रहा होगा तो चालक परिचालक से डबल जुर्माना वसूल किया जाएगा. ऐसे में अगर चालक परिचालकों को जुर्माने से बचाना है और अपनी नौकरी सुरक्षित रखनी है तो फिर बस में बिना बुक किए सामान नहीं ले जाना ही बेहतर होगा. बोर्ड बैठक में जानकीपुरम में पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन बनाने की भी अनुमति प्रदान की गई है.
रेगुलर ड्राइवर कंडक्टर भी रहेंगे रडार पर: परिवहन निगम की बसों में व्यावसायिक व बिना बुक भार ले जाने की स्थिति में पकड़े जाने पर प्रशमन शुल्क वसूल किए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया. अगर लगेज का स्वामी बस में उपस्थित होगा, तो टिकट के बराबर जुर्माना वसूल किया जाएगा. अगर स्वामी नहीं है, तो टिकट की डबल पेनाल्टी चालक परिचालक से वसूल की जाएगी. संविदा कार्मिक को तीन बार से अधिक बिना बुक भार ले जाते पकड़े जाने पर संविदा समाप्त की जाएगी.
नियमित कर्मचारियों को बिना बुक भार ले जाते हुए पकड़े जाने पर निलंबित करके अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. क्षेत्र में प्रथम चालक टेस्ट में उत्तीर्ण पाए जाने वाले संविदा चालक अभ्यर्थियों का द्वितीय चालक टेस्ट इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड रिसर्च दिल्ली से कराए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया. निदेशक मंडल ने परिवहन निगम के प्रवर्तन दलों के प्रवर्तन कार्य पर संतोष व्यक्त किया.
चेक की गई बसें, वसूले गए प्रशमन शुल्क और बिना टिकट पकड़े गए यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. दुर्घटनाओं की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए हैं. नीलामी के सामान की आरक्षित दरें एमएसटीसी पोर्टल पर प्रदर्शित करने का अनुमोदन किया गया जिससे अधिक कंडम सामग्री को नीलाम किया जा सके.