धौलपुर. कांग्रेस की धौलपुर शहर विधायक शोभारानी कुशवाहा के प्रतिनिधि एवं देवर उपेंद्र कुशवाहा व चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा समेत सैकड़ों की तादात में उनके समर्थक एवं कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यालय पर भाजपा पार्टी का दामन थाम लिया है. रविवार शाम को कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत एवं लोकसभा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के नेतृत्व में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. शोभारानी के परिजनों के भाजपा में शामिल होने से लोकसभा सीट का भी गणित पूरी तरह से बदल गया है. कुशवाहा और माली समाज का अच्छा खासा मतदाता करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र में दखल रखता है. जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है.
कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने इस दौरान कहा कि कुशवाहा परिवार का बहुत बड़ा नाम है. कुशवाहा परिवार से मेरा पारिवारिक रिश्ता था. इस परिवार के साथ भाई-बहन के नाते काम करने का मौका मिला. भाजपा भी उनके मान सम्मान के लिए हमेशा साथ खड़ी नजर आएगी. पूरा देश चाहता है कि मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री, इसमें धौलपुर का भी योगदान रहे.
सत्ता पक्ष के साथ रहने की रही है आदत: कांग्रेसी विधायक शोभारानी के परिवार का राजनीतिक वजूद हमेशा सत्ता पक्ष के साथ रहा है. जब—जब सत्ता जिसकी रही, हमेशा इनका परिवार उसी सत्ता के साथ शामिल रहा है. वर्ष 2013 में शोभारानी के परिवार ने राजनीति में कदम रखा था. वर्ष 2013 का चुनाव शोभारानी के पति बीएल कुशवाहा ने बहुजन समाज पार्टी से जीता था. लेकिन वर्ष 2016 में हत्या षड़यंत्र के एक मामले में बीएल कुशवाहस को आजीवन कारावास की सजा हो गई.
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बीएल कुशवाहा के जेल जाने पर वर्ष 2017 में उपचुनाव कराया गया. उपचुनाव में बीएल कुशवाह ने पत्नी शोभारानी को बहुजन समाज पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा से चुनाव लड़वाया था. भाजपा के सिंबल से चुनाव जीतकर शोभारानी, माली एवं कुशवाहा समाज की एकमात्र भरतपुर संभाग की नेता बन गई. इसके बाद 2018 का चुनाव भी शोभारानी ने भाजपा से जीता था. वर्ष 2018 में अशोक गहलोत सरकार बनने के बाद शोभारानी की नजदीकियां पूर्व सीएम अशोक गहलोत से बढ़ गईं.
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शोभारानी ने कांग्रेस की सदस्यता लिए बिना पर्दे के पीछे से अशोक गहलोत एवं कांग्रेस के लिए तत्कालीन समय पर काम किया था. जिसकी बानगी राज्यसभा चुनाव में देखने को मिली थी. शोभारानी ने भाजपा को क्रॉस बोट कर कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को वोट दिया था. तत्कालीन समय पर भाजपा ने नोटिस देकर शोभारानी की पार्टी से सदस्यता भी निरस्त की थी.
वर्ष 2023 के चुनाव में शोभारानी खुलकर कांग्रेस के साथ आ गईं. कांग्रेस से टिकट लेकर विधायक भी चुनी गईं. लेकिन अशोक गहलोत सरकार जाने के बाद फिर से शोभारानी की नजदीकियां बीजेपी की तरफ देखी जा रही हैं. हालांकि शोभारानी ने सार्वजनिक तौर पर भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं की है. परिवार के सभी सदस्यों ने रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया है.
सीट पर भाजपा का पलड़ा हुआ भारी: शोभारानी कुशवाहा के प्रतिनिधि एवं देवर उपेंद्र कुशवाहा व चाचा ससुर कन्हैया लाल कुशवाहा के भाजपा में शामिल होने से करौली-धौलपुर संसदीय सीट पर भाजपा का पलड़ा भारी हो गया है. करौली-धौलपुर संसदीय क्षेत्र में भारी तादाद में कुशवाहा एवं माली समाज का मतदाता दखल रखता है.