लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अनुबंधित बस ऑपरेटरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. मांगें नहीं माने जाने के विरोध में बसों के संचालन को रोकने का निर्णय लगभग ले लिया गया है. सोमवार को इस संबंध में बैठक बुलाई गई है जिसमें बसों का संचालन बंद करने की नोटिस देने और तारीख की घोषणा की जाएगी.
अनुबंधित बस ऑपरेटर्स का कहना है कि बिना सर्वे कराये ही उन्हें रूट आवंटित कर दिया गया है. यात्रियों की संख्या के आधार पर जिन रूटों पर आवश्यकता 62 बसों की है, वहां पर 100 से ज्यादा बसों का संचालन किया जा रहा है. इसके चलते उन्हें काफी नुकसान हो रहा है. नए रूट चिन्हित नहीं किये जा रहे हैं. यही नहीं परिवहन निगम भुगतान को लेकर भी अपना करार चेंज कर चुका है. इससे नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस संबंध में बस स्वामी अजीत प्रताप सिंह के नेतृत्व में आजमगढ़ रीजन के कई बस ऑपरेटर्स ने एमडी से मुलाकात भी की, लेकिन बात नहीं बन पाई. बस स्वामी राकेश बाजपेई का कहना है कि सोमवार को बैठक में फैसला लिया जाएगा. नुकसान में होने के बावजूद हम संचालन कर रहे हैं और अधिकारी हमारी समस्या का समाधान करने के बारे में सोच तक नहीं रहे हैं. अब ऐसे नहीं चल पाएगा. अब लड़ाई आर पार की होगी.
नाबालिग के कार हादसे के बाद नोटिस भेजने की तैयारी
लखनऊ: परिवहन विभाग और पुलिस नाबालिग के कार हादसे के बाद कार मालिक के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करने जा रही है. आरटीओ प्रवर्तन के निर्देश पर एआरटीओ कार मालिक के घर के पते पर नोटिस भेजने की तैयारी कर रहे हैं. मोटर यान अधिनियम के खिलाफ अपराध करने वाले किशोर पर डीएल संबंधी प्रतिबंध लगाने की नोटिस भेजी जाएगी. नोटिस मिलने के एक सप्ताह के अंदर कार मालिक को बयान दर्ज कराना पड़ेगा. एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय ने बताया कि नाबालिग के कार चलाने पर ड्राइविंग लाइसेंस पर रोक लगाने और भविष्य में कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी जाएगी. कार स्वामी अपना पक्ष रखेंगे, जिसका लिखित ब्यौरा आरटीओ कार्यालय में दर्ज किया जाएगा जिससे भविष्य में की जाने वाली कार्रवाई के खिलाफ कार मालिक विरोध न कर सके.
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