नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहे जाने वाले उपचुनावों का सेट तैयार हो गया है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को यूपी की 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर उपचुनाव की घोषणा की है. 13 नवंबर को इन सीटों पर वोटिंग होगी. जबकि, 23 नवंबर को मतगणना के साथ नतीजे घोषित किए जाएंगे. अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल उपचुनाव नहीं होगा, जिसका कारण त्योहारों और मेलों को बताया जा रहा है.
इन उपचुनावों में गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट विशेष रूप से विषय में है. यह सीट अतुल गर्ग के गाजियाबाद लोकसभा में निर्वाचित होने के कारण खाली हुई है. भाजपा के प्रत्याशी अतुल गर्ग ने 2017 और 2022 में यहां भारी मतों से जीत हासिल की थी. यहां पर राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है, और सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली है.
आजाद समाज पार्टी ने सतपाल चौधरी को गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया है. केंद्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भी इस समर्थन में गाजियाबाद में जनसभा आयोजित की है. वे अपने समर्थक वोटरों के बीच अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
बहुजन समाज पार्टी ने बदला उम्मीदवार: बहुजन समाज पार्टी ने पहले रवि गौतम को प्रत्याशी घोषित किया गया था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनका टिकट काटकर पीएन गर्ग को नए प्रत्याशी के रूप में पेश किया गया. इस क्रम में आजाद समाज पार्टी और बसपा ने ही अभी तक अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है. अन्य राजनीतिक पार्टियों का भी शीघ्र प्रत्याशियों की घोषणा करने का अनुमान है.
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कांग्रेस की स्थिति: गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की दावेदारी भी खास है, जहां दावेदारों की एक लंबी सूची देखने को मिल रही है. हाल में बाराबंकी से सांसद तनुज पुनिया को गाजियाबाद का प्रभारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने कई नेताओं से बायोडाटा मांगा है, जिनमें 20 से अधिक कांग्रेस नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के तहत सदर विधानसभा सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी.
उत्तर प्रदेश में इन उपचुनावों के माध्यम से राजनीतिक दलों की वास्तविक परीक्षा होगी, जो न केवल 2027 के विधानसभा चुनावों का रास्ता तय करेगी, बल्कि राज्य की राजनीतिक दिशा को भी प्रभावित करेगी.
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