लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन को लेकर योगी सरकार का रुख पिछले कुछ समय से चर्चाओं में है. पहले जहां भू-माफिया पर बुलडोजर की कार्रवाई होती थी, अब आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के घर भी निशाने पर आ रहे हैं. इस कार्रवाई पर विपक्ष ने सवाल उठाए. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी बुधवार को कहा है कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी का घर गिराया नहीं जा सकता. चेतावनी दी कि जिम्मेदार अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा.
लखनऊ के अकबरनगर में यूपी का सबसे बड़ा बुलडोजर एक्शन: अकबरनगर में उत्तर प्रदेश सरकार ने 1800 मकानों पर बुलडोजर चलाया, जो एशिया का सबसे बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान माना गया. इसमें लगभग 35,000 लोग बेघर हुए, जिनमें से 1800 को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नए घर मिले. लोगों ने हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. हालांकि, विरोध-प्रदर्शन और पुलिस लाठीचार्ज के बाद यह अभियान सिर्फ अकबरनगर तक सीमित रहा.
विधायक शहजिल इस्लाम का पेट्रोल पंप ध्वस्त: बरेली के भोजीपुरा से सपा विधायक शहजिल इस्लाम पर मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप लगा था. इसके बाद उनका पेट्रोल पंप बुलडोजर की कार्रवाई में ध्वस्त कर दिया गया. इस एक्शन पर सपा ने बदले की राजनीति का आरोप लगाया था. इसके अलावा, शहजिल के अन्य प्रतिष्ठानों की जांच भी जारी है.
वाराणसी में दो होटल जमींदोज: वाराणसी में वरुणा नदी के किनारे बने दो आलीशान होटलों पर भी बुलडोजर चलाया गया. प्रशासन के अनुसार, ग्रीन बेल्ट में बने इन होटलों को हटाने के लिए 5 बुलडोजर लगाए गए थे. कार्रवाई के दौरान होटल मालिकों और प्रशासन के बीच बहस भी हुई, जिसमें ADM सिटी आलोक कुमार का हेडशॉट विवाद में रहा.
प्रयागराज में हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद के पंप और मकान पर चला बुलडोजर: प्रयागराज हिंसा के बाद मुख्य आरोपी जावेद अहमद का मकान बुलडोजर से गिरा दिया गया. जावेद की पत्नी परवीन फातिमा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि मकान उनके नाम पर था, फिर भी इसे अवैध तरीके से ध्वस्त किया गया. प्रशासन का कहना था कि मकान बिना नक्शे के बनाया गया था.
आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी का उर्दू गेट तोड़ा गया: सपा नेता आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी का उर्दू गेट 9 मार्च 2019 को ध्वस्त किया गया. आरोप था कि आजम खान ने अपने कार्यकाल में सरकारी जमीन पर गेट बनवाया था, जो सार्वजनिक रोड को कब्जे में ले रहा था. गेट बनाने में 40 लाख रुपये खर्च हुए थे, जिसे बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ध्वस्त किया गया.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर योगी सरकार की प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसमें कहा गया है कि सुशासन की पहली शर्त होती है कानून का राज. इस दृष्टि से माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आज दिया गया फैसला स्वागत योग्य है. इस फैसले से अपराधियों के मन में कानून का भय होगा. संगठित पेशेवर अपराधियों पर लगाम कसने में आसानी होगी.