भिवानी: हरियाणा के भिवानी में शादी से पर्यावरण को बचाने का संदेश दिया गया. इस शादी का उद्देश्य पर्यावरण में घुले जहर को अमृत बनाना है. दरअसल, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में नवंबर महीने में जहरीली हवा ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया था. ऐसे में एनसीआर में आने वाले भिवानी जिला के एक गांव में अनूठी शादी हुई, जो पर्यावरण के जहर को अमृत बनाने की मिसाल बन गई. ये मिसाल पेश की है सरकारी नौकरी कर रहे दो जुड़वा भाईयों ने. दरअसल, भिवानी में झुप्पा कलां गांव निवासी दर्शनानंद के 2 जुड़वा बेटों की ये शादी समाज को संदेश व पर्यावरण में घुले जहर को अमृत बनाना है.
जुड़वा भाईयों ने दिया संदेश: हर साल की तरह इस साल भी नवंबर महीने में हर किसी ने जहरीली हवा का सामना किया. किसी ने किसानों को पराली जलाने को लेकर और उद्योगों को तो किसी ने वाहन चालकों को बढ़ते प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया. हवा में घुलते जहरीले धुएं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली समेत पंजाब व हरियाणा सरकार को भी फटकार लगाई. पर सरकारी क्लर्क के पद पर कार्यरत प्रवीण नेहरा व सरकारी कॉलेज में लेक्चरर प्रदीप नेहरा नामक इन दोनों जुड़वा भाईयों ने अपनी शादी में मिसाल पेश की.
बिन दहेज की शादी: पहले ये दोनों भाई पुलिस में भर्ती हुए थे. इन दोनो भाईयो की सरकारी नौकरी होने के चलते क्रेटा गाड़ी, जिसको दहेज में लेने पर हरियाणा में काफी विवाद होते हैं. लेकिन शादियों में दहेज के नाम पर क्रेटा कार बड़ी आसानी से मिल जाती है. लेकिन इन दोनों भाईयों ने बिना दहेज की शादी की. यही नहीं अपने सैंकड़ों मेहमानों को पौधे देकर पर्यावरण शुद्ध रखने का मिशन शुरू किया. सात फेरों के बाद इनके चाचा पर्यावरण प्रेमी लोकराम नेहरा ने इन्हें पर्यावरण की रक्षा करने की शपथ ली.
मेहमानों को गिफ्ट किए पौधे: दर्शनानंद नेहरा ने अपने दोनों जुड़वा बेटों की शादी बिना दहेज के की. इससे भी बड़ी बात, अपने बेटों की शादी में आए हर मेहमान को फूलदार व छायादार पौधे उपहार में दिए. ताकि पर्यावरण शुद्ध रहे और हर कोई शादी में इस परंपरा को जारी रखे. दर्शनानंद नेहरा ने बताया कि इन्होंने एक रुपया लेकर शादी की है. हमने फैसला किया था कि दहेज के नाम पर कोई सामान नहीं लेंगे.
'पर्यावरण को महकाएंगे पौधे': वहीं, दुल्हे प्रदीप व प्रवीन नेहरा ने बताया कि दहेज में ली गई कार हो या अन्य कोई भी अन्य सामान कुछ वक्त के बाद खराब हो जाता है. लेकिन ये पौधे दशकों तक लोगों के घर व पर्यावरण को महक आएंगे. फूल और फल देंगे. वहीं, दोनों भाईयों का कहना है कि युवाओं को बिना दहेज के ही शादी करनी चाहिए और मेहमानों को पौधों का तोहफा देना चाहिए.
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