कांकेर : अंतागढ़ क्षेत्र हमेशा से अतिसंवेदनशील क्षेत्र के नाम से जाना जाता रहा है. आज भी कई जगहों पर नक्सलियों का खौफ नजर आता है. लेकिन नक्सली खौफ के अलावा भी इस क्षेत्र में कई सुंदर चीजें हैं.प्रकृति ने अंतागढ़ को काफी खूबसूरत बनाया है.यहां के जंगल और पहाड़ देखते ही बनते हैं.पहले की तुलना में अब इस क्षेत्र को सरकार ने अपनी योजनाओं के बूते विकसित किया है.इसी कड़ी में शिक्षा का भी परचम धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में लहराने लगा है.यहां पर सर्व आदिवासी समाज ने शिक्षा को लेकर शानदार शुरुआत की है.जो अब दूसरी जगहों के लिए मिसाल बनता जा रहा है.
निशुल्क करवाई जा रही परीक्षा की तैयारी: अंतागढ़ क्षेत्र के कक्षा पांचवीं में एडमिशन के लिए बच्चों को नवोदय विद्यालय और एकलव्य विद्यालय सहित अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी गोंडवाना भवन में करवाई जा रही है. जो पूरी तरह से निःशुल्क है. जिसका अच्छा प्रभाव देखने को मिला है. इस पहल को देखकर बच्चों के माता पिता को भी गर्व महसूस हो रहा है.क्योंकि कई पालकों को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए दूर जाना पड़ता था.लेकिन अब उनके गांव के ही पास एक ही छत के नीचे पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की सुविधा मिल रही है.
प्रतियोगी परीक्षाओं की करवाई जा रही तैयारी : सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी अध्यक्ष संतराम सलाम, उपाध्यक्ष हिरालाल मांझी और गोंडवाना समाज के अध्यक्ष संतलाल दुग्गा ने सयुंक्त रूप से बताया कि यह एक सामाजिक पहल है. जो क्षेत्र के हर वर्ग के बच्चों कुछ बच्चें तो विशेष रूप से नक्सल पीड़ित परिवार से हैं. जो नवोदय विद्यालय परीक्षा के लिए फॉर्म भरे हैं और अन्य चयन परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है. वहीं बच्चों को समाज के तरफ से पेन कॉपी सहित पुस्तकें और परीक्षा के अनुरूप सारी व्यवस्था समाज के तरफ से उपलब्ध कराई जा रही है.
यह कार्य क्षेत्र के पालकों के सहयोग और समाजिक पहल से हो रहा है. आदिवासी क्षेत्र में पालकों के तरफ से शिक्षा को लेकर बच्चों के लिए जो इंट्रेस्ट जागा है वो बहुत बड़ी बात है. समाज की यह पहल आगामी समय में अवश्य क्षेत्र के लिए शिक्षा को लेकर अच्छा माहौल बन सकता है- संतराम सलाम,सर्व आदिवासी समाज
वहीं कुछ पालकों ने समाज की इस पहल को सराहा है. पालकों के मुताबिक ऐसा काम गांव में पहले कभी नहीं हुआ है. आज समाज के पहल से आदिवासी क्षेत्र के विशेष रूप से गरीब प्रतिभावान बच्चों को इसका फायदा मिलेगा. समाज की ओर से पढ़ाई निशुल्क करवाई जा रही है. बच्चें भी समाज के पहल और पढ़ाई को लेकर बेहद उत्साहित है.
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