जगदलपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने जगदलपुर में 37 मामलों की सुनवाई की. महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि ''सातवीं बार बस्तर पहुंचे. छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की 271वें नंबर की जनसुनवाई हुई. कुल 38 प्रकरण में 27 नस्तीबद्ध हुए. 4 केस रायपुर ट्रांसफर किया गया. 4 प्रकरण को जांच और रिपोर्ट के लिए दिया गया है. वहीं 4 मामलों में दोनों पक्ष से कोई नहीं पहुंचा.''
छत्तीसगढ़ महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि "जगदलपुर शहर से 12 किलोमीटर दूर करंजी गांव में एक महिला समूह के सामाजिक बहिष्कार के मामले में भी सुनवाई हुई. महिला आयोग ने अपना फैसला महिला समूह के पक्ष में सुनाया है. थाना प्रभारी और एसडीओपी को जिम्मेदारी दी गई है. वहां जा कर उनका सामाजिक बहिष्कार समाप्त कराएंगे."
''महिला समूह द्वारा तालाब में पाली गई मछलियों को भी मारा गया था. इस मामले में 60 हजार रूपए हर्जाना भी महिला समूह को आयोग ने दिलाया है.''-किरणमयी नायक, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग, छत्तीसगढ़
मछली पालना पड़ा महंगा: करीब 2-3 साल पहले महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों ने करंजी के गांव तरई के तालाब में मछली पालन शुरू किया. गांव के लोग इस ठेके से नाराज हो गए. नाराज ग्रामीण तालाब से मछली पकड़कर ले गए. महिला स्वसहायता समूह ने महिला आयोग से शिकायत की तो गांव वालों ने सामाजिक बहिष्कार किया और समूह की महिलाओं को 60 हजार रुपए अर्थदंड मांगा.
महिला आयोग ने दी राहत: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने दोनों पक्षों को समझाइश दिया. 28 अगस्त 2024 को संरक्षण अधिकारी, पुलिस निरीक्षक माधुरी नायक और उनकी टीम गांव में जाकर सामाजिक बहिष्कार खत्म कराएगी. इस दौरान गांव के सभी लोग मौजूद रहेंगे.
आदतन शिकायतबाज महिला का अनोखा केस: छत्तीसगढ़ महिला आयोग अध्यक्ष किरणमई नायक ने बताया कि ''एक मामले में एक महिला आदतन शिकायतबाज थी. गांव के हर पुरुष के खिलाफ कोई न कोई आवेदन देती रहती थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला की शिकायत में जांच हुई है. जिसमें पाया गया है कि महिला झूठी शिकायत की आदी है. उसके प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया.''