भोपाल: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत के वन विभाग ने ऑपरेशन वाइल्ड ट्रेप अभियान शुरू किया है. इस अभियान के जरिए जंगली जानवरों को फंदा, लेग होल्ड ट्रेप और करंट लगाकर शिकार करने वाले शिकारियों की धरपकड़ की जाएगी. यह अभियान 1 दिसंबर से शुरू होगा और 31 जनवरी तक चलेगा. इस अभियान में वन विभाग अमले के साथ स्थानीय पुलिस के अलावा बिजली विभाग की मदद भी ली जाएगी. अभियान की मॉनिटरिंग वन मुख्यालय स्तर पर होगी.
इस तरह चलेगा स्पेशल अभियान
वन विभाग द्वारा शुरू किए जा रहे इस स्पेशल अभियान को लेकर विभाग द्वारा तैयारियां की जा रही है. अभियान के अलग गश्ती दल बनाए जा रहे हैं. हर एक दल में 15 डॉग स्क्वाड के अलावा मेटल डिटेक्टर हैंडलर दस्ता भी मौजूद रहेगा. इसके अलावा अभियान में स्थानीय पुलिस और बिजली विभाग की भी मदद ली जाएगी. अभियान के तहत डॉग स्क्वायर मेटल डिटेक्टर के जरिए फंदे और लेग होल ट्रेप को खोजा जाएगा और यदि कहीं भी कोई वन्य प्राणी इसमें फंसा मिलता है तो उसे मुक्त कराया जाएगा. वहीं यदि कहीं इलेक्ट्रोक्यूशन पाया जाता है तो बिजली विभाग की मदद से उसे हटाया जाएगा. इसके अलावा अवैध शिकार में शामिल रहे अपराधियों की स्थानीय पुलिस के माध्यम से गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी.
लगातार सौंपनी होगी रिपोर्ट
इस अभियान में सप्ताह में तीन दिन एसडीओ, दो दिन डीएफओ और डिप्टी डीएफओ और एक दिन फील्ड डायरेक्टर और सीसीएफ स्तर के अधिकारियों को शामिल होना अनिवार्य किया गया है. अभियान के तहत 15 दिन में इसकी रिपोर्ट वन मुख्यालय भेजनी होगी. जहां अभियान की निगरानी और समीक्षा की जाएगी.
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सर्दियों में बढ़ जाती है शिकार की घटनाएं
दरअसल, सर्दियों में जंगलों में शिकार की घटनाएं में बढ़ोत्तरी हो जाती है. पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड देखें तो पता चलता है कि करंट, फंदे और लेग होल्ड ट्रेप के जरिए वन्यजीवों के शिकार के 900 मामले रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा मामले सर्दियों में ही हुए हैं, क्योंकि सर्दियों में कोहरे की वजह से गश्त में कमी आती है और इसका फायदा शिकारी उठाते हैं.