नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने अपने अधिकारों के लिए एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अपनाया. किसानों द्वारा सोमवार से सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोल आंदोलन किया जाएगा. किसानों का यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा. इससे पहले, इस आंदोलन के लिए किसान संगठनों के द्वारा लगातार गांव-गांव में जाकर किसानों को जागरुक किया गया.
दरअसल, यूपी सरकार के द्वारा किसानों की मांगों का निस्तारण के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था. इस हाई पावर कमेटी द्वारा अब तक क्या कार्रवाई की गई, उस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग किसान कर रहे हैं.
![ग्रेटर नोएडा के किसान सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट के समक्ष 14 अक्टूबर को हल्ला बोल आंदोलन करेंगे.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-10-2024/delgbn01kisanprotestvisdl10016_13102024151041_1310f_1728812441_320.jpg)
जानकारी के अनुसार, नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के साथ ही बुलंदशहर प्राधिकरण और गाजियाबाद प्राधिकरण के किसान इस आंदोलन में शामिल होंगे. जिले के किसानों की जमीन को यूपीसिडा, एनटीपीसी और एनएचएआई सहित अन्य बिल्डरों द्वारा परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण किया गया. जिसके बाद,से किसान लगातार नई भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार जमीन का अधिग्रहण करने और पुराने अधिग्रहण कानून के तहत बढ़ा हुआ मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
किसानों की मांग: किसानों की मुख्य मांगों में 10% प्लॉट, नए भूमि अधिग्रहण कानून का कार्यान्वयन और किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं का समाधान शामिल है. संगठन ने इसे लेकर एक हाई पावर कमेटी का गठन किया, जिसकी सिफारिशों को सार्वजनिक करने की मांग की जा रही है. किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा का कहना है कि किसानों की समस्याओं को उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है और इसलिए उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है. किसानों का यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा. यह आंदोलन तभी समाप्त होगा जब उन समस्याओं को हल कर दिया जाएगा.
![ग्रेटर नोएडा में कल किसानों का हल्ला बोल आंदोलन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-10-2024/delgbn01kisanprotestvisdl10016_13102024151041_1310f_1728812441_504.jpg)
किसान लखनऊ या दिल्ली के लिए भी कूच करेंगे: किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने बताया कि प्रदेश सरकार के द्वारा हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर किसानों की मांगों को पूरा किया जाने को लेकर यह आंदोलन किया जाएगा. कलेक्ट्रेट पर आंदोलन के दौरान किसानों की मांगों का यदि सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो फिर किसान लखनऊ या दिल्ली के लिए भी कूच करेंगे. जन जागरण अभियान के दौरान हर गांव में किसानों, युवाओं एवं महिलाओं का भारी समर्थन मिला. इस अभियान में सैकड़ों किसान, महिलाओं सहित युवा शामिल होंगे.
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