ग्वालियर. पिछले दिनों मुरैना के बगचीनी इलाके में ग्वालियर के सराफा व्यापारी से हुई दो करोड़ से ज्यादा की लूट (gwalior loot case) के बाद व्यापारी संगठनों में रोष व्याप्त है. लुटेरे अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं और पुलिस सिर्फ नाकाम कोशिशों में जुटी है. लूट की लगातार बढ़ती ऐसी ही घटनाओं से नाराज ग्वालियर चंबल अंचल के व्यापारियों ने आंदोलन की राह अपनाने का फैसला किया है. ग्वालियर चंबल अंचल में चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं इंडस्ट्रीज से जुड़े सभी व्यापारियों ने मुरैना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा और आरोपियों की गिरफ्तारी मांग करते हुए प्रदर्शन की चेतावनी भी दे डाली.
28 जनवरी को हुई थी पहली लूट, आरोपी फरार
पिछले एक पखवाड़े में ग्वालियर चंबल अंचल में दो बड़ी लूट की वारदाते हो चुकी हैं, जिससे व्यापारी वर्ग डरा और आक्रोशित है. पहली बड़ी घटना 28 जनवरी की है, जहां ग्वालियर के मोहना इलाके में एक सराफा व्यापारी से 14 लाख की लूट हुई, लेकिन बाद में पीड़ित पर दबाव बनाया गया और पुलिस ने करीब चार लाख रुपए की बरामदगी दिखाई. बड़ी बात यह कि आरोपी आज तक पकड़े नहीं गए.
31 जनवरी को 2 करोड़ से ज्यादा की लूट
दूसरी घटना मुरैना जिले में बीते 31 जनवरी को हुई थी, जिसमें भी शिकार ग्वालियर का एक सराफा व्यापारी बना. वह करीब 2 करोड़ 20 लाख रुपए का माल लेकर मुरैना से गुजर रहा था, इसी बीच बागचीनी थाना क्षेत्र में उसके साथ लूट की वारदात हो गई. लुटेरे सारा माल लेकर फरार हो गए. शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई और 4 आरोपी पकड़े भी गए लेकिम 20 फीसदी रिकवारी ही हुई औरमामला ठंडे बस्ते में चला गया. बचे हुए आरोपियों की न तो गिरफ्तारी हुई और न ही 80 फीसदी रिकवरी की. इनके अलावा भिंड मुरैना समेत ग्वालियर में कई ऐसे मामले हैं जिनमे बड़ी लूट की वारदातें हुई हैं लेकिन आज भी पुटेरे पुलिस की गिरफ़्त से दूर हैं.
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पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल कहते हैं, ' ग्वालियर चंबल अंचल के व्यापारियों से हो रहीं एक के बाद एक लूट की वारदातों के सिलसिले में पुलिस प्रशासन से मुलाकात कर चेताया है कि इन घटनाओं के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए अन्यथा 48 घंटे का अल्टीमेटम पूरा होने के बाद प्रदेश के व्यापारी पूरे मध्यप्रदेश में बारी-बारी से सभी जिलों में बंद और हड़ताल करेंगे. उन्होंने आगे कहा, 'आज के हालात व्यापारियों के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं. अगर ऐसी घटना किसी पुलिस के अधिकारी के साथ होती तो 24 घंटे के अंदर आरोपी सलाखों के पीछे होते लेकिन जब कोई व्यापारी शिकार होता है तो पुलिस मामले में उतनी तत्परता नहीं दिखाती.'