उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में साल 2028 में सिंहस्थ होगा. जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. इस बार प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं और आधुनिक प्रबंधन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है. उज्जैन के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही प्रयागराज का दौरा करेंगे. जहां वे कुंभ 2025 में की गई व्यवस्थाओं का गहराई से अध्ययन करेंगे. वहां की तैयारी को देख कर उज्जैन में क्या तैयारी की जा सके, वह करेंगे. आपको बता दें मध्य प्रदेश से पहले उत्तर प्रदेश में जनवरी 2025 में महाकुंभ होने जा रहा है.
सिंहस्थ की तैयारियों में महाकुंभ का अनुभव बनेगा मार्गदर्शक
सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि "कलेक्टर, एसपी, नगर निगम आयुक्त, पंचायत सीईओ और पीएचई विभाग के अधिकारी सहित एक विशेष टीम कुंभ आयोजन के दौरान प्रयागराज का दौरा करेगी. इस टीम का उद्देश्य वहां की व्यवस्थाओं और प्रबंधन तकनीकों को समझना और सिंहस्थ 2028 में उनका उपयोग करना है. प्रयागराज कुंभ 2025 में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. जो उज्जैन प्रशासन के लिए प्रेरणा का काम करेगा.
आधुनिक तकनीक और बेहतर प्रबंधन पर जोर
इस बार सिंहस्थ की तैयारियों में आधुनिक तकनीक और व्यवस्थित प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है. प्रयागराज दौरे के बाद अधिकारी अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. उज्जैन में कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देंगे. इससे उज्जैन सिंहस्थ 2028 को एक ऐतिहासिक और व्यवस्थित आयोजन बनाने में मदद मिलेगी.
उज्जैन 15 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना
सिंहस्थ 2028 में करीब 15 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि व्यवस्थाएं आधुनिक, सुगम और श्रद्धालुओं की अपेक्षाओं के अनुरूप हो. टीम यह समझने का प्रयास करेगी कि विशाल जनसमूह के लिए बुनियादी ढांचे, परिवहन, सुरक्षा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है.
प्रयागराज कुंभ के प्रमुख स्नान पर्व
टीम प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रमुख स्नान पर्वों का अध्ययन करेगी, जिनमें
- 13 जनवरी पहला शाही स्नान (पौष पूर्णिमा)
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति स्नान
- 29 जनवरी: दूसरा शाही स्नान (मौनी अमावस्या)
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी स्नान
- 4 फरवरी: अचला सप्तमी स्नान
- 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा स्नान
- 26 फरवरी: महाशिवरात्रि का अंतिम स्नान
इन स्नान पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं और प्रबंधन को उज्जैन के अधिकारी विस्तार से समझेंगे.
एक जगह होंगे कलेक्टर-एसपी कार्यालय
इसके साथ ही उज्जैन में आम जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर और एसपी कार्यालय अब एक ही स्थान पर संचालित होंगे. जबकि वर्तमान में कलेक्टर कार्यालय और एसपी कार्यालय के बीच करीब 2.5 किलोमीटर की दूरी है. जिससे लोगों को अलग-अलग जगहों पर जाने में समय और ऊर्जा की बर्बादी होती है. इस समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 21 नवंबर को अस्पताल के भूमि पूजन के समय मंच से घोषणा की थी. पुलिस कंट्रोल रूम के पास पुलिस विभाग की तीन एकड़ भूमि पर एकीकृत प्रशासनिक भवन बनाने की घोषणा की है.
90 करोड़ की लागत से बनेगी हाईराइज बिल्डिंग
इस भवन का निर्माण मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा 90 करोड़ की लागत से किया जाएगा. जी प्लस सिक्स हाईराइज इमारत में कलेक्टर, एसपी, और अन्य प्रशासनिक व पुलिस विभाग के कार्यालय होंगे. इससे जनता को एक ही स्थान पर सभी सेवाएं मिल सकेंगी और प्रशासनिक कार्यों में भी तेजी आएगी.
संयुक्त बिल्डिंग की कार्ययोजना तैयार
मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि "पुलिस कंट्रोल के पास प्रशासन व पुलिस विभाग की एक संयुक्त बिल्डिंग बनना है. जिसकी कार्ययोजना तैयार की जा रही है. इस बिल्डिंग के बनने से पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी लोगों को एक ही जगह पर उपलब्ध हो पाएंगे. टेंडर होते ही दो महीने में कार्य जल्द शुरू हो जाएगा.
तत्काल निर्णय लेने में होगी सुविधा
संयुक्त भवन के बनने से पर्व, स्नान, कानून व्यवस्था, और अन्य मुद्दों पर कलेक्टर और एसपी तुरंत चर्चा कर फैसले ले सकेंगे. वर्तमान में कोठी स्थित कलेक्ट्रेट भवन को एडीजी और संभागायुक्त कार्यालय में बदलने की योजना है. यह नई पहल न केवल जनता की समस्याओं का समाधान करेगी, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ाएगी. निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है.