उज्जैन। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. वीआईपी भी भगवान महाकाल के दर्शन को आते हैं. अब मंदिर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन करने वालों के लिए प्रोटोकॉल व्यवस्था नए तरीके से लागू की है. इसके तहत वीआईपी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले एक विशेष फार्म भरना होगा. इस फार्म में उन्हें अपने व्यक्तिगत विवरण के साथ दान राशि की जानकारी भी देनी होगी. अगर वे दान देना चाहते हैं तो वह राशि इसी फार्म में अंकित कर सकते हैं.
प्रोटोकॉल के संचालन का स्थान भी बदला
अब प्रोटोकॉल का संचालन त्रिनेत्र कंट्रोल रूम से किया जा रहा है. पहले मानसरोवर प्लाजा में प्रोटोकॉल व्यवस्था संचालित की जाती थी. श्रद्धालुओं को इसे खोजने में समस्या का सामना करना पड़ता था. मंदिर प्रशासक के अनुसार नई व्यवस्था के पहले ही दिन 6000 रुपए से अधिक का दान प्राप्त हुआ, जिससे न केवल मंदिर को आर्थिक लाभ हुआ बल्कि अवैध वीआईपी प्रवेश पर भी नियंत्रण संभव हो सकेगा.
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फॉर्म में ये आवश्यक जानकारी देनी होगी
प्रोटोकॉल फार्म में यह भी उल्लेख रहेगा कि किस श्रद्धालु को नंदी हॉल या गणेश मंडपम से दर्शन की सुविधा मिलेगी. महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया "इससे पहले कई श्रद्धालु 250 रुपये की रसीद लेकर वीआईपी दर्शन करते थे और कुछ फ्री भी प्रवेश पा जाते थे. लेकिन अब सभी को प्रोटोकॉल फार्म भरना अनिवार्य होगा. इसमें नाम, पद, विभाग, मोबाइल नंबर, सदस्य संख्या, अनुमति स्थान और दान राशि जैसी जानकारी भरनी होगी. हालांकि, श्रद्धालुओं के लिए दान देना आवश्यक नहीं है."