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बाबा महाकाल का दरबार हुआ हाईटेक, अब RFID बैंड से ही मिलेगी भस्म आरती में एंट्री - Ujjain Mahakaleshwar Temple

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में अब भस्म आरती में प्रवेश के लिए हाईटेक व्यवस्था लागू की जा रही है. श्रद्धालुओं को RFID बैंड पहनने के बाद ही भस्म आरती में एंट्री मिलेगी. दरअसल ऐसा प्रयोग फर्जी एंट्री करने वालों पर रोक लगाने के लिए किया जा रहा है.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
भस्म आरती में RFID बैंड से एंट्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 12:45 PM IST

उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में अब हाईटेक तरीके से श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलेगा. जिसके लिए उन्हें RFID (Radio-Frequency IDentification) बैंड पहनना होगा. महाकालेश्वर मंदिर जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, विशेष रूप से भस्म आरती के लिए. हालांकि, भस्म आरती में प्रवेश पाने के लिए श्रद्धालुओं को एक प्रोटोकॉल सिस्टम के तहत परमिशन मिलती है, जिसे या तो ऑनलाइन बुकिंग द्वारा या ऑफलाइन लाइनों में खड़े होकर प्राप्त किया जा सकता है.

बाबा महाकाल का दरबार हुआ हाईटेक (ETV Bharat)

RFID बैंड सिस्टम, प्रवेश प्रक्रिया में सुधार
श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश के लिए RFID बैंड दिया जाएगा. इसे गेट पर पहनाया जाएगा और आरती के बाद वापस जमा करना होगा. इससे फर्जी एंट्री करने वालों पर रोक लगेगी और प्रवेश प्रक्रिया में तेजी आएगी. अब बार-बार परमिशन दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. भविष्य में एयरपोर्ट की तरह ऑटोमेटिक गेट लगाए जाएंगे, जो QR कोड स्कैन करने पर खुलेंगे. इसके अलावा महाकाल मंदिर समिति विचार कर रही है कि RFID बैंड यूज एंड थ्रो होंगे या स्थायी रूप से दिए जाएंगे. यह प्रणाली एक हफ्ते में लागू की जाएगी, जिससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
RFID बैंड पहनने के बाद भस्म आरती में हो सकते हैं शामिल (ETV Bharat)

फर्जी प्रवेश पर लगेगी रोक
बता दें कि, कुछ लोग फर्जी तरीके से भस्म आरती में प्रवेश करने की कोशिश करते थे, जिसे रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने RFID बैंड सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत, श्रद्धालु पहले अपना भस्म आरती पास दिखाएंगे और मंदिर के गेट पर उन्हें एक RFID बैंड दिया जाएगा, जिसे उन्हें हाथ में बांधना होगा. आरती के बाद इसे जमा कराना होगा. इस सिस्टम के माध्यम से फर्जी प्रवेश पर रोक लगाई जा सकेगी. यह सुविधा एक हफ्ते के अंदर शुरू होने की उम्मीद है. भविष्य में, एयरपोर्ट की तरह ऑटोमेटिक गेट भी लगाए जाएंगे, जो RFID बैंड में मौजूद QR कोड को स्कैन करने पर खुल जाएंगे. इस प्रक्रिया से प्रवेश की गति तेज होगी और भीड़ प्रबंधन में सुधार होगा.

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परमिशन दिखाने की झंझट खत्म
मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि, ''श्रद्धालुओं को बार-बार अपनी परमिशन दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. RFID बैंड से प्रवेश प्रक्रिया आसान और स्वचालित हो जाएगी, जिससे भीड़ नियंत्रण में काफी मदद मिलेगी. फिलहाल, महाकाल मंदिर समिति इस बात पर विचार कर रही है कि ये बैंड यूज एंड थ्रो होंगे या स्थायी रूप से श्रद्धालुओं को दिए जाएंगे.''

उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में अब हाईटेक तरीके से श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलेगा. जिसके लिए उन्हें RFID (Radio-Frequency IDentification) बैंड पहनना होगा. महाकालेश्वर मंदिर जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, विशेष रूप से भस्म आरती के लिए. हालांकि, भस्म आरती में प्रवेश पाने के लिए श्रद्धालुओं को एक प्रोटोकॉल सिस्टम के तहत परमिशन मिलती है, जिसे या तो ऑनलाइन बुकिंग द्वारा या ऑफलाइन लाइनों में खड़े होकर प्राप्त किया जा सकता है.

बाबा महाकाल का दरबार हुआ हाईटेक (ETV Bharat)

RFID बैंड सिस्टम, प्रवेश प्रक्रिया में सुधार
श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश के लिए RFID बैंड दिया जाएगा. इसे गेट पर पहनाया जाएगा और आरती के बाद वापस जमा करना होगा. इससे फर्जी एंट्री करने वालों पर रोक लगेगी और प्रवेश प्रक्रिया में तेजी आएगी. अब बार-बार परमिशन दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी. भविष्य में एयरपोर्ट की तरह ऑटोमेटिक गेट लगाए जाएंगे, जो QR कोड स्कैन करने पर खुलेंगे. इसके अलावा महाकाल मंदिर समिति विचार कर रही है कि RFID बैंड यूज एंड थ्रो होंगे या स्थायी रूप से दिए जाएंगे. यह प्रणाली एक हफ्ते में लागू की जाएगी, जिससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
RFID बैंड पहनने के बाद भस्म आरती में हो सकते हैं शामिल (ETV Bharat)

फर्जी प्रवेश पर लगेगी रोक
बता दें कि, कुछ लोग फर्जी तरीके से भस्म आरती में प्रवेश करने की कोशिश करते थे, जिसे रोकने के लिए मंदिर प्रशासन ने RFID बैंड सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत, श्रद्धालु पहले अपना भस्म आरती पास दिखाएंगे और मंदिर के गेट पर उन्हें एक RFID बैंड दिया जाएगा, जिसे उन्हें हाथ में बांधना होगा. आरती के बाद इसे जमा कराना होगा. इस सिस्टम के माध्यम से फर्जी प्रवेश पर रोक लगाई जा सकेगी. यह सुविधा एक हफ्ते के अंदर शुरू होने की उम्मीद है. भविष्य में, एयरपोर्ट की तरह ऑटोमेटिक गेट भी लगाए जाएंगे, जो RFID बैंड में मौजूद QR कोड को स्कैन करने पर खुल जाएंगे. इस प्रक्रिया से प्रवेश की गति तेज होगी और भीड़ प्रबंधन में सुधार होगा.

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परमिशन दिखाने की झंझट खत्म
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