उज्जैन: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं से अवैध वसूली के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई. गुरुवार सुबह उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह भगवान महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे. उसी दौरान नंदी हॉल में कुछ श्रद्धालुओं से बातचीत में कलेक्टर को पता चला कि मंदिर के पंडे श्रद्धालुओं से ₹1100 प्रति व्यक्ति के हिसाब से जल चढ़ाने और विशेष दर्शन कराने का पैसा ले रहे हैं.
कैसे हुआ मामला उजागर
उत्तर प्रदेश और गुजरात से आए श्रद्धालु नंदी हॉल में बैठे थे, जब कलेक्टर ने उनसे बातचीत की तो श्रद्धालुओं ने बताया कि, ''पुरोहित अजय शर्मा ने जल चढ़ाने और पूजा कराने के बदले मोटी रकम मांगी है. उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से आए 7 लोगों से ₹6600 वसूले गए थे. जबकि गुजरात से आए 3 लोगों से भी इसी तरह पैसे मांगे गए थे. इधर भक्तों के बयान के बाद महाकाल थाने में FIR दर्ज की गई.
कलेक्टर की कार्रवाई
इस जानकारी के मिलते ही कलेक्टर ने तत्काल मंदिर के दोनों लोगों को और श्रद्धालुओं को महाकाल थाने भेज दिया. वहां एडीएम अनुकूल जैन के निर्देशन में सभी श्रद्धालुओं के बयान दर्ज किए गए. आरोप है कि, पुरोहित अजय शर्मा ने जलाभिषेक कराने के नाम पर 1100 रुपये प्रति श्रद्धालु के मान से 6600 रुपये एवं पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट ने 3300 रुपये वसूल किए गए हैं.
दर्शन के बदले पैसे मांगे
उत्तर प्रदेश के श्रद्धालु मनोज कुमार ने बताया कि, ''बाबा महाकाल के दर्शन के बदले पैसे मांगे गए थे और उन्हें मजबूरन चुकाने पड़े.'' गुजरात से आए श्रद्धालुओं ने भी इसी तरह का अनुभव साझा किया.
पुरोहित सहित कई सस्पेंड
नंदी मण्डपम् में लगे सुरक्षाकर्मी विकास, संदीप, करण एवं कन्हैया भी मामले में शामिल थे. जिसके बाद इस सबके खिलाफ मंदिर अधिनियम की धारा 18 (2) के तहत पुरोहित अजय शर्मा, पुरोहित प्रतिनिधि राजेश भट्ट, सुरक्षाकर्मी विकास, संदीप, करण एवं कन्हैया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया.
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अवैध वसूली की तुरंत करें शिकायत
उज्जैन प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि किसी भी तरह की अवैध वसूली की शिकायत तुरंत प्रशासन को दें, ताकि तीर्थयात्रा का पवित्र अनुभव किसी अवैध गतिविधि से खराब न हो. एडीएम अनुकूल जैन ने बताया कि, "हमने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है. किसी भी श्रद्धालु को परेशान नहीं होने दिया जाएगा, दोषियों पर कार्रवाई की है."