उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर तो मौजूद ही है. इसके अलावा भगवान भैरवनाथ का मंदिर भी फेमस है. प्राचीन राजा विक्रमादित्य के जमाने का 56 भैरव मंदिर शहर के भागसीपुरा क्षेत्र में स्थित है. शनिवार को भैरव अष्टमी के अवसर पर भगवान भैरवनाथ को 1500 से अधिक प्रकार की अनूठी सामग्री का भोग अर्पित किया गया. इस विशेष आयोजन में मंदिर को भव्य फूलों और रंगीन रोशनी से सजाया गया.
20 प्रकार की मदिरा, गांजा-चिलम से लेकर विदेशी फल
इस महाभोग की खासियत इसमें शामिल अनगिनत वस्तुएं थी. भगवान को 20 प्रकार की देसी-विदेशी शराब, गांजा, चिलम, भांग, अफीम, 60 से अधिक प्रकार की बीड़ी-सिगरेट, 30 प्रकार के तंबाकू पाउच और 1500 से अधिक सामग्रियां अर्पित की गईं. साथ ही 200 प्रकार के इत्र, 400 प्रकार की अगरबत्तियां, 180 प्रकार के मुखवास, 130 प्रकार के नमकीन, 80 प्रकार की मिठाइयां, 64 प्रकार की चॉकलेट और 75 प्रकार के ड्राई फ्रूट्स जैसे व्यंजन भी शामिल थे.
भव्य श्रृंगार और विशेष प्रसाद वितरण
इस मौके पर भगवान भैरवनाथ को चांदी की पगड़ी से सुशोभित किया गया. रात 12 बजे विशेष महाआरती का आयोजन हुआ. भैरव अष्टमी पर अर्पित किए गए इन सामग्रियों को देर रात तक भक्तों के दर्शन के लिए रखा गया. इसके बाद, परंपरा के अनुसार यह प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित किया गया.
मदिरा और पकवानों से सजा मंदिर
पूरे मंदिर परिसर को न केवल फूलों से सजाया गया, बल्कि देसी और विदेशी शराब की बोतलों से भी विशेष सजावट की गई. भोग में अलग-अलग तरह की मदिरा का भोग लगाया गया. इसके अलावा 28 प्रकार के फल, 30 प्रकार के पान और 40 से अधिक बेकरी आइटम शामिल थे.
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हर साल बढ़ती है भोग की विविधता
भैरव अष्टमी पर हर वर्ष 56 भैरव मंदिर में ऐसा आयोजन होता है, लेकिन इस बार भोग की सामग्रियों की संख्या और भव्यता ने सभी का ध्यान आकर्षित किया.