उज्जैन। मध्यप्रदेश की उज्जैन पुलिस ने एक बड़ी ठगी का खुलासा किया है. दरअसल, 15 दिन पहले उज्जैन के एक व्यापारी से सीबीआई के नाम से यूपी और बिहार के गिरोह ने दो करोड़ रुपए ठग लिए थे. ठगी का एहसास होने पर फरियादी ने इसकी शिकायत माधवनगर थाना पुलिस से की. पुलिस ने शिकायत के आधार पर गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है, लेकिन ठगी की राशि जब्त नहीं हो सकी है. इस मामले का मंगलवार शाम एसपी प्रदीप शर्मा ने खुलासा किया है.
व्यापारी को भेजे गर्वमेंट ऑफ इंडिया के फर्जी कागजात
दरअसल, 8 अप्रैल को शहर के व्यवसायी को व्हाट्सएप पर काल आया कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल द्वारा किए फ्रॉड का रुपया उनके बैंक खाते में आया है. जिसका सीबीआई इनवेस्टिगेशन कर रही है. ठगों ने बिहार स्थित नालंदा की पंजाब नेशनल बैंक शाखा का एक अकाउंट नंबर देकर कहा कि अगर इस मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है, तो डेढ़ करोड़ रुपए जमा कर दें. उनके खाते में ट्रांजेक्शन नहीं मिलने पर राशि वापस उनके अकाउंट में आ जाएगी. ठगों ने व्यापारी को विश्वास दिलाने के लिए व्हाट्सएप पर गर्वमेंट ऑफ इंडिया के विभिन्न विभागों के फर्जी लेटर पर दिया गया अरेस्ट ऑर्डर, गोपनीय समझौते की सहमति का एग्रीमेंट व सीबीआई अधिकारी के हस्ताक्षरित पत्र भी भेज दिए.
यूपी और बिहार से गिरफ्तार किए गए आरोपी
वहीं गिरफ्तारी के डर से फरियादी ने पहले डेढ़ करोड़ और दो दिन बाद फिर मांगने पर 50 लाख आरटीजीएस कर दिए. लेकिन दो दिन बाद ठगी का एहसास होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. इसके बाद पुलिस ने जांच की तो ठगी करने वाले गिरोह की करतूत सामने आ गई. इसके बाद उज्जैन पुलिस ने बिहार के नालंदा और यूपी के मैनपुरी से मुकेश कुमार, अमरेंद्र कुमार, शाहनवाज आलम, अनिल यादव और शरद पांडे को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उनसे 10 मोबाइल जब्त कर लिए, लेकिन ठगी गई राशि नहीं मिली.
जमताड़ा स्टाइल में करते थे फ्रॉड
उज्जैन एसपी प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि ''मुकेश पर करीब 3.50 लाख रुपए का कर्ज था. उसे दोस्त अमरेंद्र ने कर्जा चुकाने के साथ हर माह 50 हजार रुपए तक कमाने का तरीका बताया. योजनानुसार मुकेश ने मुकेश इंटरप्राइजेस के नाम से फर्म बनाकर नालंदा के पंजाब नेशनल बैंक में खाता खुलवाकर जीएसटी नंबर भी ले लिया. फिर अमरेंद्र ने अनिल और शरद पांडे के साथ मिलकर नेट बैंकिग से ठगी करते और खाते में राशि आते ही उसे 40 खातों में ट्रांसफर कर क्रिप्टो करंसी और डॉलर में कनवर्ट कर निकाल लेते. गिरोह के शाहनवाज आलम ने ठगी के लिए फेसबुक और टेलीग्राम अकाउंट किराए पर उपलब्ध करवाए थे''.
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महज 8वीं तक पढ़ें हैं दो आरोपी
एसपी प्रदीप कुमार शर्मा के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि अमरेंद्र, शरद और अनिल ने बीएससी की है. वही मुकेश और शाहनवाज 8वीं तक पढ़ें हैं. इसके बावजूद सभी डिजिटल तरीके से ठगी में माहिर हैं. मुकेश के खातों की जांच से पता चला कि एक बार एक ही दिन में उसके खाते में चार करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ था. हालांकि, फिलहाल उसके खाते में 1 लाख 30 हजार रुपए ही हैं. मामले में अभी राशि जब्त नहीं हुई है. ट्रांजेक्शन किए गए सभी खाते सीज करवा दिए गए हैं. वहीं पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की है.