उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिले में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में उदयपुर पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी कमलेश को फांसी की सजा सुनाई है. दोषी के माता-पिता को 4-4 साल की सजा सुनाई है, लेकिन दंपती ने जमानत याचिका दायर कर रखी थी. ऐसे में उन्हें जमानत दे दी गई.
आरोपी को फांसी की सजा, मासूम बच्ची के किए थे 10 टुकड़े : विशिष्ट लोक अभियोजक सैयद हुसैन ने बताया कि दिल दहलाने वाले इस कुकृत्य में आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी और शव के 10 टुकड़े करके फेंक दिए थे. उन्होंने कहा कि बच्ची की बड़ी बेरहमी से हत्या की गई थी. उसके 10 टुकड़े कर दिए गए थे. इससे पहले दुष्कर्म भी किया गया. इस घटना के बाद से ही परिवार और गांव के लोगों को आरोपी की सजा का इंतजार था. इस मामले में 42 गवाह पेश किए गए, जबकि 174 अहम दस्तावेज और 27 आर्टिकल प्रस्तुत किए गए. वकील ने कहा कि आरोपी को सजा मिलने के बाद मासूम बच्ची के गांव में खुशी का माहौल है.
दोषी ने कोर्ट से बाहर आते हुए क्या कहा ? : दोषी कमलेश ने कोर्ट से बाहर आते हुए कहा, मैं निर्दोष हूं. मैंने ये सब मेरे माता-पिता को बचाने के लिए किया है. मुझ पर दबाव बनाया गया है. मैं हाईकोर्ट में अपील करूंगा. मेरे मम्मी-पापा को बचाने के लिए सजा मोल ली है.
यह है पूरा घटना : बता दें कि मार्च 2023 में जिले के मावली में एक 8 साल की मासूम बच्ची की दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या करने की घटना सामने आई थी. मासूम बच्ची की हत्या के बाद उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करके एक बोरी में भरकर फेंक दिया गया था. आरोपी चॉकलेट देने के बहाने बच्ची को घर लेकर गया था. इसके बाद दुष्कर्म कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी थी. फिर उसके हाथ, पैर, धड़ सहित शव के 10 टुकड़े कर बोरे में भरकर घर से दूर एक खंडहर में फेंक दिया था. बच्ची इसे भैया कहकर बुलाती थी. रक्षा बंधन पर राखी बांधती थी. इस क्रूर अपराध में आरोपी कमलेश को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी माना है. वहीं, इस अपराध में साथ देने और कृत्य को छुपाने के दोष में आरोपी के मां-बाप को भी कोर्ट ने दोषी माना है.
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शव के किए थे 10 टुकड़े : पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश चार्जशीट के मुताबिक कमलेश ने बाथरूम में ही पत्थर-छुरी से बच्ची के हाथ-पैर और धड़ सहित पूरे शरीर के अलग-अलग 10 टुकड़े किए, फिर उन टुकड़ों को अलग-अलग थैली में भरा. थैलियों को टॉयलेट में छिपा दिया. कमलेश के माता-पिता को घटना की खबर दूसरे दिन लगी. इसके बाद तीनों ने मिलकर शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. रात 11 बजे कमलेश शव के टुकड़ों से भरी बोरी घर से करीब 200 मीटर दूर बने खंडहर में फेंकने गया. इस बीच कमलेश के पिता घर के बाहर और मां खंडहर के बाहर खड़ी रही, ताकि आने-जाने वालों से बेटे को सतर्क कर सकें.
इन धाराओं में सुनाया फैसला : कोर्ट ने भा.द.स. 363, 366, 376 (2) (N) और 302 सहित पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत कमलेश को दोषी ठहराया. वहीं, भा.द.स. की धारा 201 के तहत माता-पिता को 4-4 साल की कारावास की सजा दी है. माता-पिता ने सबूत नष्ट करने में आरोपी की मदद की थी.
आरोपी पॉर्न मूवी देख था : घटना वाले दिन आरोपी कमलेश घर में अकेला था. उसके माता-पिता घर पर नहीं थे. वह खिड़की में बैठकर मोबाइल पर पॉर्न मूवी देख रहा था. बच्ची को खेत पर जाता देखा और उसे चॉकलेट का लालच देकर आवाज लगाई. उसे अपने घर के अंदर बुलाकर बाथरूम में ले गया. कमलेश की हरकतों से बच्ची चिल्लाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद उसे उठाने लगा, लेकिन बच्ची निढाल पड़ी थी. जिसके बाद आरोपी समझ गया कि बच्ची की मौत हो चुकी है.